नई दिल्ली. गर्मियों का मौसम धीरे-धीरे पीक पर आ रहा है. आधे से ज्यादा मार्च का महीना गुजर चुका है. दिन के समय गर्मी ने आम लोगों के साथ ही जानवरों को भी बेचैन करना शुरू कर दिया है. धूप तेज हो रही है, जिससे पसीना भी होना शुरू हो चुका है. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि गर्मी के दिनों में पशुपालन के तहत पाल जा रहे जानवरों का खास ख्याल रखना पड़ता है. उन्हें अगर पानी की कमी हो गई तो डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है. इसके अलावा भी जानवरों कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं.
यदि आप बकरी पालक हैं तो जान लें कि बकरियों को भी गर्मी में ज्यादा पानी की जरूरत होती है. अगर उनमें पानी की कमी हो जाए तो भारी दिक्कत हो सकती है. आगरा में युवान एग्रो फार्म में बकरियां साइंटिफिक तरीके से पाली जाती हैं. जहां के संचालक डीके सिंह ने गर्मी में बकरियों के पानी के मैनेजमेंट के बारे में बताया है.
पानी में गुड़ मिलाकर पिलाएं
डीके सिंह का कहना है कि गर्मी के दिनों में बकरियों को पानी की जरूरत ज्यादा होती है. इसमें सबसे अहम बात यह है कि बकरियों को ठंडा पानी पीने के लिए देना चाहिए. क्योंकि न सिर्फ बड़े जानवर बल्कि बकरियां भी पानी की कमी की वजह से डिहाइड्रेट हो जाती हैं. इससे बचने के लिए बकरियों को गुड़ और देसी खंड भी दिया जाता है जो उन्हें डिहाइड्रेशन से बचाने में मददगार साबित होता है. इन चीजों को पानी में हल्का सा मिलाकर पिलाया जाता है.
रात में कितना पिलाना चाहिए पानी
डीके सिंह का कहना है कि बकरियां जितना पानी पीएंगी उतना ही डिहाईड्रेशन का खतरा कम होगा. इससे उनकी तबीयत भी नहीं खराब नहीं होगी. वो ठीक रहेंगी और गर्मियों का उतना ज्यादा असर उनकी बॉडी पर नहीं पड़ेगा. बकरियों को गर्मी के दिनों में तीन से चार बार पानी पिलाना चाहिए. अगर ज्यादा भी पीती हैं तो भी कोई हर्ज नहीं है. हालांकि रात में जब उन्हें दाना दिया जाए, तब कोशिश करना चाहिए कि उन्हें कम पानी दिया जाए. ताकि उनका पाचन सही रहेगा.
ये खिलाएं, ज्यादा पानी पिएंगी बकरियां
जब उनसे सवाल किया गया कि पानी का टेंपरेचर कितना रहना चाहिए तो उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने फार्म में इंसुलेटर टैंक लगाए हुए हैं, जिससे पानी का टेंप्रेचर 25 से 30 डिग्री कम हो जाता जहै. हमारी कोशिश होती है कि 30 डिग्री के नीचे पानी का तापमान रहे और वही बकरियों को पीने के लिए दिया जाए. उसके अंदर गुड़ भी मिला दिया जाना चाहिए. कई बार उन्हें हिमालय बत्तीसा भी दिया जाता है, ताकि बकरियों की पानी पीने क्षमता बढ़ जाए और उनका पाचन सही रहे.
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