नई दिल्ली. गाय पालन हो या फिर भैंस पालन आमतौर पर किसान इसे दूध के लिए पालते हैं और पशुपालक दूध बेचकर ही मोटी कमाई करते हैं लेकिन जब गाय या भैंस बच्चा देती है तो उसे बाड़े में मौजूद पशुओं की संख्या में इजाफा हो जाता है. अगर बच्चा बछड़ी के रूप में है तो आगे चलकर यही पशु दुधारू पशु बन जाता है. पशुपालकों की इनकम में इससे और ज्यादा इजाफा होता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि जब भी पशु बच्चा देते हैं तो वो हेल्दी होना चाहिए. इससे पशुपालक को फायदा होगा.
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि पशुओं को ऐसी खुराक दी जानी चाहिए कि जिससे उनके होने वाले बच्चों पर अच्छा असर पड़े. जब पशु स्वस्थ रहेंगे तो पैदा होने वाले बच्चे भी हैल्दी होंगे. एक्सपर्ट की मानें तो पशुओं को हरा, सूखा चारा या फिर मिनरल मिक्सचर तीनों ही तरह की चीजें देनी चाहिए. अगर ये सारी चीज उनकी खुराक में शामिल है तो इसे कंप्लीट डाइट कहा जा सकता है. उन्हें कंप्लीट डाइट मिलती है तो न ही उन्हें बीमारी लगेगी ना ही उत्पादन में कोई कमी आएगी.
बछड़े-बछड़ियों की होती है ग्रोथ
पशुओं को प्रोटीन के तौर पर बरसीम, रिजका, लोबिया और ग्वार आदि देते रहना चाहिए. इन चारों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है. इससे पैदा होने वाले बच्चों के शरीर के मसल को ताकत और प्रोटीन मिलती है. उनके शरीर की ग्रोथ भी होती है. वहीं अगर बच्चा गर्भ में पल रहा है तो उसकी भी ग्रोथ होती है.
विटामिन की कमी न होने दें
पशुओं की गर्भपात की समस्या को खत्म करने के लिए जरूरी है कि पशुओं को विटामिन से भरपूर फीड दिया जाए. इसके लिए पशुओं को हरा चारा भरपूर मात्रा में दिया जाना चाहिए. एक्सपर्ट कहते हैं कि हरे चारे में विटामिन बी होता है. अगर विटामिन की कमी होती है तो गर्भपात जैसी समस्या हो जाती है. वहीं अंधापन, चमड़ी का सूखापन, भूख की कमी, पेट में ना आने की समस्या भी खड़ी हो जाती है.
फूल दिखाने की होती है समस्या
मिनरल मिक्सचर का भी अहम रोल है. बछड़े हों या फिर बछड़ियां दोनों की हड्डियों दांतों की बनावट और उन्हें मजबूती देने के लिए मिनरल मिक्सचर पशुओं को जरूर देना चाहिए. अगर पशुओं को यह नहीं मिलता है तो इसका एक बड़ा नुकसान भी है. इससे बच्चा देने की दर में भी कमी आती है. कैल्शियम की कमी की वजह से भैंस फूल दिखा सकती है.
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