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Dairy: इस वजह से गाय के दूध में कम हो जाता फैट और SNF, जानें क्या है इसे बढ़ाने का तरीका

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प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. पिछले कुछ दशकों में डेयरी में क्रॉसब्रीडिंग, बेहतर हैल्थ देखभाल और प्रबंधन के कारण भारत दूध उत्पादन में पहले स्थान पर है और ये तब है जब भारत में प्रति पशु दूध उत्पादन क्षमता कम है. एक रिपोर्ट की मानें तो भारत में प्रोड्यूस होने वाला दूध का 75 प्रतिशत से अधिक छोटे और मध्यम डेयरी फार्म से आता है. वहीं एक डेयरी फार्म में कुल लागत का लगभग 70 प्रतिशत आहार पर खर्च होता है. इसलिए डेयरी मवेशियों के पोषण में किए गये किसी भी सुधार का पॉजिटिव असर दूध की उत्पादकता और क्वालिलटी पर पड़‌ता है. जिस दूध में फैट और एसएनएफ ज्यादा होगा, उसका दाम भी ज्यादा मिलेगा.

दूध में वसा और एसएनएफ, जेनेटिक कारणों से नियत्रित होता है. जबकि दूध में वसा कम होने के कई कारण हैं. मसलन, फाइबर सेवन (चारा), फीड कण आकार बहुत मोटा या बहुत महीन होना, ज्यादा घुलनशील शुगर का सेवन, आहार में वसा की अधिक मात्रा, कम प्रोटीन और आहार में सल्फर की कमी, गर्म और ठंडी जलवायु, दूध दुहने के गलत तरीके आदि. एक्सपर्ट का कहना है कि यदि इन बातों का ख्याल रखा जाए तो फिर दूध उत्पादन भी अच्छा होगा और इसके साथ ही क्वालिटी के साथ दूध का प्रोडक्शन मिलने लगेगा.

तो इस वजह से कम हो जाता है फैट
एक्सपर्ट एनकेएस गौड़ा आौर अंजुमणि मेच का कहना है कि कुल मिक्सड राशन के तौर पर सतुलित कंस्ट्रेट के साथ पर्याप्त हरा चारा खिलाने से डेयरी गायों के दूध में कम वसा और कम एसएनएफ जैसी इन दोनों समस्याओं को दूर करने में मदद मिलेगी. आपको यहां बताते चलें कि जेनेटिक जर्सी और स्वदेशी डेयरी पशुओं की तुलना में आनुवंशिक रूप से प्योर होल्स्टीन फ्रिजियन (एमएफ) और इसकी संकर गाय कम वसा वाला दूध देती है. क्योंकि वसा का दूध उत्पादन से विपरीत संबंध होता है. ज्यादा दूधे दूध देने वाली गायों में दूध वसा कम होती है.

कम फाइबर हरे चारे का सेवन
हरे या सूखे चारे के अपर्याप्त सेवन से भी दूध उत्पादन पर फर्क पड़ता है. यदि पशु चारा खाएंगे ही नहीं तो फिर दूध उत्पादन कैसे करेंगे. एक्सपर्ट कहते हैं कि 400 किलोग्राम वजन वाले पशु के लिए 4 किलो ग्राम सूखा चारा और लगभग 25 किलोग्राम हरा चारा प्रति पशु प्रति दिन देना चाहिए. चारे को लगभग 1-2 इंच लम्बा काटकर खिलाना चाहिए. फीड के बहुत अधिक बारीक पीसने से अपर्याप्त रूमेन फर्मेंटेशन और कम रूमेन माइक्रोबियल प्रोटीन सेंथेसिस होता है, जिसके कारण दूध में वसा और एसएनएफ कम हो जाता है.

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