Home सरकारी स्की‍म Scheme: हर घर गोकुल बनाने के पीछे क्या है सरकार का मकसद, इससे पशुपालकों को कितना होगा फायदा
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Scheme: हर घर गोकुल बनाने के पीछे क्या है सरकार का मकसद, इससे पशुपालकों को कितना होगा फायदा

मिशन का उद्देश्य किसानों की इनकम दोगुनी करना, कृषि को जलवायु के अनुकूल बनाना, धारणीय और जैविक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है.
प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. किसानों की इनकम को बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कई पहल की गई है. सरकार ने योजनाओं को भी शुरू किया है ताकि किसान पशुपालन में आगे आएं. चाहे केंद्र सरकार हो या फिर राज्य की सरकारें उनकी ओर से पशुपालन को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है. मध्य प्रदेश में सरकार ने हर गांव को गोकुल बनाने का संकल्प पिछले दिनों लिया था. सरकार की मंशा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग गायों को पालें और इससे दूध उत्पादन करके बेचें, ताकि उन्हें मुनाफा मिले. वहीं राज्य में दूध का उत्पादन बढ़ाया जा सके.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाकोशल की सबसे बड़ी गौशाला के निर्माण के लिए जब शिलान्यास किया तो इस दौरान उन्होंने कहा था कि गोपाल और गाय मिलकर प्रदेश के हर गांव को गोकुल बनाएंगे. पशुधन के लिए बंदोबस्त किए जाएंगे और पशु पालकों से दूध की खरीदारी भी सरकार करेगी. ताकि पशुपालकों को दूध बेचने के लिए परेशान न होना पड़े और उन्हें वाजिब दाम दाम भी मिले. सरकार ने उन्हें बोनस देने की भी घोषणा की थी. वहीं सीएम ने इस दौरान कहा कि सरकार किसानों को बिजली बिल मुक्त करने की तैयारी कर रही है, चरणचद्ध तरीके से किसानों को सोलर पम्प दिए जाएंगे.

10 हजार गायों को रखा जाएगा
नगर निगम क्षेत्र उमरिया में प्रस्तावित गौशाला का निर्माण 10 करोड़ की लागत से कराया जाने की बात उनकी ओर से कही गई थी और यहां पर 10 हजार गोवंश रखने का ऐलान किया. सीएम ने कहा था कि यह गोवंश का आश्रय स्थल भर ही नहीं है बल्कि नस्ल सुधार के लिए भी काम होगा. अच्छी नस्ल के जो गोवंश तैयार होंगे वह पशु पालकों को उपलब्ध कराए जाएंगे. इसका सीधा फायदा पशुपालकों को मिलेगा. जब अच्छी नस्ल के पशु होंगे तो उनका दूध उत्पादन भी ज्यादा मिलेगा. वहीं उन पशुओं से फिर अच्छी नस्ल के पशु मिलेंगे और इससे राज्य में दूध उत्पादन बढ़ेगा.

गौशाला का निर्माण कराने का क्या है मकसद
एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार गायों के लिए गौशाला निर्माण कराकर न सिर्फ दूध उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाना चाहती है, बल्कि इससे बाई प्रोडक्ट तैयार करने की दिशा में मजबूत कदम माना जा रहा है. गायों के गोबर से खाद और बायो गैसे तैयार करके गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने का भी प्लान सरकार का है. वहीं इसका एक और फायदा ये होगा कि इससे गोवंश बेसहारा रोड पर टहलते नहीं नजर आएंगे. जिसकेे चलते रोड एक्सीडेंट भी रुकेंगे गायों को सहारा मिलेगा.

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