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World Bee Day: डेयरी किसानों को मधुमक्खी पालन से जोड़ने के लिए किए जा रहे हैं कई अहम काम, पढ़ें यहां

मधुमक्खी का पालन करने वाली महिला की तस्वीर.

नई दिल्ली. मधुमक्खी पालन भी एक ऐसा काम है, जिससे आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि मधुमक्खी पालन से शहद, मोम और रॉयल जेली जैसे प्रोडक्ट हासिल किए जाते हैं. मधुमक्खियां परागण में भी अहम रोल अदा करती हैं. जिससे फसलों का उत्पादन बढ़ता है. मधुमक्खी पालन करके अच्छी खासी इनकम हासिल की जा सकती है. अगर किसान खेती बाड़ी के साथ-साथ मधुमक्खी पालन भी करें तो उन्हें अतिरिक्त आय कमाने का मौका मिलता है. इतना ही नहीं मधुमक्खी पालन पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है. क्योंकि मधुमक्खियां पौधों के परागण में मदद करती हैं. जिससे बायो डाइवर्सिटी बढ़ जाती है.

शायद यही वजह है कि मधुमक्खी के पालन को बढ़ावा देने के लिए एनडीडीबी कई काम कर रहा है. ताकि लोगों की इनकम को बढ़ाई जा सके. गौरतलब है कि सरकार की मंशा है कि खेती के अलावा किसान एक दूसरा काम भी करें ताकि उनकी इनकम को बढ़ाया जा सके. यही वजह है कि सरकार पशुपालन को भी बढ़ावा देने का काम कर रही है. बात कि आज 20 के दिन को संयुक्त राष्ट्र ने विश्व मधुमक्खी दिवस के रूप में घोषित किया है. दुनिया भर में आज मधुमक्खी पालन के फायदे लोगों को बताए जा रहे हैं और इससे कैसे किसान अपनी इनकम बढ़ा सकते हैं. इसके तरीके भी लोगों को सुझाए जा रहे हैं.

एनबीएचएम के साथ मिलकर काम कर रहा एनडीडीबी
विश्व मधुमक्खी दिवस पर, एनडीडीबी स्थायी कृषि-पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने, मृदा स्वास्थ्य में सुधार, जैव विविधता को बढ़ाने और डेयरी किसानों के लिए एक परिपत्र अर्थव्यवस्था का समर्थन करने में मधु मक्खियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालता है. एनडीडीबी की ओर से कहा गया है कि “हम सभी का पोषण करने के लिए प्रकृति से प्रेरित मधुमक्खी” थीम के अनुरूप, एनडीडीबी, राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (एनबीएचएम) के तहत राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के साथ मिलकर वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दे रहे हैं.

मधुमक्खी के प्रभाव पर जारी की फिल्म
इसके अलावा एनडीडीबी की ओर शहद परीक्षण प्रयोगशाला जैसी बुनियादी संरचना विकसित की जा रही है. इसके साथ ही सुरक्षित, उच्च गुणवत्ता वाले मधुमक्खी उत्पादों के लिए बाजार तक पहुंच को सक्षम किया जा रहा है. जिससे डेयरी-पालन समुदायों में आय विविधीकरण को बढ़ावा मिल रहा है. वहीं “मीठी क्रांति” प्रयासों को और मजबूत करने के लिए, एनडीडीबी ने मधुमक्खी पालन के ग्रामीण प्रभाव पर एक फिल्म जारी की है और गुजरात के आनंद में एक अत्याधुनिक शहद परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना की है. जिससे गुणवत्ता, विश्वास और एक ऐसा भविष्य सुनिश्चित होगा जहां मधुमक्खियां गुनगुनाएंगी और डेयरी का प्रवाह होगा.

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