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Fisheries: मछली पालन में डबल मुनाफा कमाने के लिए इस तरह से करें फिश फार्मिंग

The State-wise number of coastal fishermen villages for development as Climate Resilient Coastal Fishermen Villages are envisaged in proportion to the total number of coastal fishermen villages in the State and at present
प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. अगर आप मछली पालक हैं और अपने तालाब में ग्रास कार्प और कत्ला जैसी मछलियों को पाल रहे हैं और इससे मुनाफा कमा रहे हैं लेकिन इसमें और ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है. क्योंकि आप उसमें कई और प्रजातियां की मछलियों को पाल के अपना मुनाफा कई गुना ज्यादा बढ़ा सकते हैं. जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा है. कत्ला और ग्रास कार्प मछलियों के साथ अन्य प्रजातियों की मछलियों को भी बेहद ही आसानी के साथ और कम देखभाल के साथ पाला जा सकता है. जिससे आपका मुनाफा कई गुना बढ़ सकता है.

यदि आप भी मछली पालक हैं और अपना मुनाफा ज्यादा बढ़ाना चाहते हैं तो यहां बताई जाने वाली जानकारी को बेहद ही गौर के साथ पढ़े. ताकि आपको पता लग सके कि कैसे मछली पालन के काम में मुनाफा ज्यादा बढ़ाया जा सकता है.

सालभर रहती है डिमांड
फिश एक्सपर्ट का कहना है कि तालाब के अंदर आप सिंघी प्रजाति की मछली को कत्ला और ग्रास कार्प जैसी मछलियों के साथ पाल सकते हैं. वहीं ब्लैक कार्प को कत्ला मछलियों के साथ आसानी के साथ पाल सकते हैं. आप इन मछलियों को कत्ला और ग्रास कार्प मछलियों के साथ पालते हैं तो इससे भी मुनाफा बढ़ जाएगा. सबसे अच्छी बात यह है कि ये मछलियां बिना देख रेख और बिना फीड दिए ही अच्छी ग्रोथ हासिल कर लेती हैं और आपको फायदा पहुंचाती हैं. फिश एक्सपर्ट का कहना है कि सिंघी मछली की खास बात यह है कि इसका बाजार भाव 300 रुपए किलो से ऊपर ही रहता है. इसकी डिमांड साल भर बनी रहती है.

पंगेसियस के साथ पालें ये मछली
फिश एक्सपर्ट का कहना है कि सिंघी मछली अगर आप पालते हैं तो 300 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेच सकते हैं. जबकि साल भर में इसे कभी भी बेचा जा सकता है. वहीं ब्लैक कार्प मछली की ग्रोथ बहुत तेजी के साथ होती है. ये 3 से 4 महीने में 1 किलो का वजन हासिल कर लेती है. जबकि पंगेसियस पालने वाले मछली पालक नैनी मछली को पाल सकते हैं. इससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी हो सकती है. इसके अलावा जब आप रोहू, कतला, प्यासी मछली की हार्वेस्टिंग करते हैं और तालाब खाली होता है. तब इन वैकल्पिक मछलियों को बेचकर अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं और दूसरी अहम बात ये है कि इन मछलियों को पालने का खर्च भी उतना ही आता है.

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Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

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