Home पशुपालन Buffalo Farming: भैंस को क्या-क्या खिलाया जा सकता है, फीड मैनेजमेंट के बारे में पढ़ें यहां
पशुपालन

Buffalo Farming: भैंस को क्या-क्या खिलाया जा सकता है, फीड मैनेजमेंट के बारे में पढ़ें यहां

murrah buffalo livestock
प्रतीकात्मक फोटो:

नई दिल्ली. डेयरी फार्मिंग के लिए भैंस पशुपालकों की पहली पसंद होती है. क्योंकि भैंस ज्यादा दूध का उत्पादन करती है और इसका दूध महंगा भी बिकता है. वहीं जब भैंस दूध देना बंद कर देती है तो इसे स्लाटर हाउस में भी भेजकर पशुपालकों को एक मुश्त कीमत मिल जाती है. इसलिए लिहाज से भैंस पालना एक बेहतर सौदा होता है. अगर आप भी भैंस पाले हुए हैं, या​ फिर पालने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए हो सकती है. क्योंकि हम यहां आपको भैंस के आहार सोर्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बफैलो फार्मिंग में आपको काफी फायदा पहुंचाएगा.

एक्सपर्ट का कहना है कि भैंसों को उनकी जरूरत के मुताबिक खुराक देना चाहिए. तभी उनसे बेहतर उत्पादन लिया जा सकता है. अगर ऐसा नहीं करेंगे तो फिर उत्पादन में कमी होगी और डेयरी फार्मिंग के बिजनेस में नुकसान. भैसों के लिए उपलब्ध खाद्य सामग्री को हम दो भागों में बांट सकते हैं चारा और दाना. चारे में रेशेयुक्त तत्वों की मात्रा शुष्क भार के आधार पर 18 प्रतिशत से अधिक होती है और सभी पचनीय तत्वों की मात्रा 60 प्रतिशत से कम होती है. इसके विपरीत दाने में रेशेयुक्त तत्वों की मात्रा 18 प्रतिशत से कम तथा समस्त पचनीय तत्वों की मात्रा 60 प्रतिशत से अधिक होती है.

चारा
नमी के आधार पर चारे को दो भागों में बांटा जा सकता है सूखा चारा और हराचारा

सूखा चारा
चारे में नमी की मात्रा यदि 10-12 प्रतिशत से कम है तो यह सूखे चारे की श्रेणी में आता है. इसमें गेहूं का भूसा, धान का पुआल व ज्वार, बाजरा एवं मक्का की कड़वी आती है. इनकी गणना घटिया चारे के रूप में की जाती है.

हरा चारा
हरे चारे में नमी की मात्रा यदि 60-80 प्रतिशत हो तो इसे हरा रसीला चारा कहते हैं. पशुओं के लिये हरा चारा दो प्रकार का होता है दलहनी तथा बिना दाल वाला. दलहनी चारे में बरसीम, रिजका, ग्वार, लोबिया आदि आते हैं. दलहनी चारे में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है. इसलिए ये बेहद पौष्टिक तथा उत्तम गुणवत्ता वाले होते हैं. बिना दाल वाले चारे में ज्वार, बाजरा, मक्का, जोड़, अजोला तथा हरी घास आदि आते हैं. दलहनी चारे की अपेक्षा इनमें प्रोटीन की मात्रा कम होती है. इसलिए ये कम पौष्टिक होते हैं. इनकी गणना मध्यम चारे के रूप में की जाती है.

दाना
पशुओं के लिए उपलब्ध खाद्य पदार्थों को हम दो भागों में बांट सकते हैं. प्रोटीन युक्त और ऊर्जायुक्त खाद्य पदार्थ. प्रोटीन युक्त खाद्य पदायोर् में तिलहन, दलहन व उनकी चूरी और सभी खले, जैसे सरर्सा की खल, बिनौले की खल, मूंगफली की खल, सोयाबीन की खल, सूरजमुखी की खल आदि आते हैं। इनमें प्रोटीन की मात्रा 18 प्रतिशत से अधिक होती है. ऊर्जायुक्त दाने में सभी प्रकार के अनाज, जैसे गेहूं, ज्वार, बाजरा, मक्का, जड़, औं तथा गेहूं, मक्का व धान का चौकर, चावल की पॉलिस, चावल की किल्की, गुड़ तथा शौरा आदि आते हैं. इनमें पौटीन की मात्रा 18 प्रतिशत से कम होती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

livestock animal news
पशुपालन

Milk Production: ज्यादा दूध देने वाली गायों को हीट से होती है परेशानी, जानें क्या है इसका इलाज

उच्च गुणवत्ता-युक्त अधिक दूध प्राप्त होता है, लेकिन ज्यादा तापमान युक्त हवा...

ब्रुसेलोसिस ब्रुसेला बैक्टीरिया के कारण होता है जो मुख्य रूप से पशुधन (जैसे गाय, भेड़, बकरी) में पाए जाते हैं.
पशुपालन

Animal Husbandry: बरसात में पशुओं को इस तरह खिलाएं हरा चारा, ये अहम टिप्स भी पढ़ें

बारिश के सीजन में पशुओं को चारा नुकसान भी कर सकता है....

पशुपालन

CM Yogi बोले- IVRI की वैक्सीन ने UP में पशुओं को लंपी रोग से बचाया, 24 को मिला मेडल, 576 को डिग्री

प्रदेश सरकार के साथ मिलकर 2 लाख से अधिक कोविड जांच करवाईं....

milk production
पशुपालन

Animal News: अच्छी क्वालिटी का सीमेन कहां से खरीदें, जानें इस बारे में

जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है. क्योंकि उच्च गुणवत्ता वाले सीमन...