नई दिल्ली. अगर आपके दुधारू गाय-भैंस में कोई भी छोटी-मोटी बीमारी है और उस बीमारी पर आपने ध्यान नहीं दिया तो बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. अगर बड़ी बीमारी है तो पशु चिकित्सक को दिखाना बेहतर होगा. अगर छोटी दिक्कत है तो उसका घर बैठे ही इलाज कर सकते हैं. गाय-भैंसों में होने वाली ऐसी आम बीमारियों हैं, जिनके लिए न तो ज्यादा परेशान होने की जरूरत है और न ही डॉक्टर के पास जाने की. थोड़ा सा ध्यान देकर उन्हें घर पर ही बेहतर इलाज दिया जा सकता है.
पशुओं में बहुत सी छोटी बीमारी ऐसी होती हैं, जिनका घर पर बैठकर ही इलाज किया जा सकता है. अगर कोई बड़ी समस्या है तो उसका घर पर इलाज करके टाइम पास न करें, सीधे डॉक्टर के पास जाएं. क्योंकि अगर पशु को बड़ी बीमारी है और उसका घर पर ही इलाज करना शुरू कर दिया तो गंभीर समस्या पैदा हो सकती है. इसलिए हम आपको बता रहे हैं कि कौनसी बीमारी का इलाज घर पर सकते हैं और कौनसी का नहीं. बीमारियों के इन उपायों को अलग-अलग वेटरनरी यूनिवर्सिटी ने अपनी बेवसाइट पर साझा किया है.
किलनी और जूं निकालना
आम तौर पर पशुओं के जूं और किलनी पड़ जाती हैं. अगर ऐसा हो गया है तो नीम के पत्तों को पानी में उबालकर गाय के शरीर पर स्प्रे कर दें. अगर स्प्रे नहीं कर सकते हो नीम के पानी में कपड़े को भिगोकर उसे पशु के शरीर पर लगा दें. इससे कुछ ही दिनों मं जूं और किलनी समाप्त हो जाएंगी.
निमोनिया का ऐसे करें उपचार
अगर आपके पशुको निमोनिया हो गया है तो बहुत ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं. निमोनिया भीगने की वजह से होता है. अगर आपके पशु को निमोनिया हो गया है तो उसके शरीर का तापमान बढ़ जाएगा. सांस लेने में भी तकलीफ होगी. नाक बहने लगेगी. ऐसे में उबलते हुए पानी में तारपीन का तेल डाल दें और उसकी भाप को पशु को सुंघाएं. इतना ही नहीं पशु के पंजार में सरसो का तेल कपूर में मिलाकर मालिश कर दें.
जेर न निकालना भी करता है दिक्कत
गाय-भैंस के प्रसव के दौरान पांच घंटे के दौरान जेर गिर जानी चाहिए. अगर जेर नहीं निकल रही है तो पशु दूध भी नहीं देता. ऐसे में तुरंत अपने पशु को डॉक्टर के पास ले जाएं या फिर घर बुलाकर दिखा दें. तब तक पशु के पिछले हिस्से को गर्म पानी से धोते रहना चाहिए. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि किसान पशु की जेर से हाथ न लगाएं और न ही उसे जबरन खींचने की कोशिश करें.
ऐसे ठीक करें घाव
अगर पशु को चोट लग गई है या फिर कीड़े पड़ गए हैं तो फौरन उसे फिनाइल या पोटाश डालकर पहले तो उसकी अच्छे से सफाई कर लें. अगर पशु में कीड़े पड़ गए हैं तो घाव वाली जगह पर तारपीन के तेल में एक पट्टी को भिगोकर उस हिस्से पर बांध दें मुंह के घावों को हमेशा फिटकरी के पानी से धो देें. अगर फिर भी घाव नहीं भर रहे तो डॉक्टर की सलाह लें. ज्यादा दिनों तक अपने घर पर ही इलाज न करें.
मरोड़ और दस्त को ऐसे करें ठीक
अगर आपकी गाय-भैंस को मरोड़ या फिर दस्त लग गए तो उसका भी घर पर इलाज कर सकते हैं. इस दौरान पशु को बहुत ही हल्का आहार दें. चावल का माड़, उबला हुआ दूध, बेल का गुदा आदि दें. गाय—भैंस के बच्चे को भी कम दूध पिलाएं.
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