Home पशुपालन Goat Farming: इन दो नस्लों की बकरी बिहार में पालें तो होगी मोटी कमाई, यहां पढ़ें इनकी खासियत
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Goat Farming: इन दो नस्लों की बकरी बिहार में पालें तो होगी मोटी कमाई, यहां पढ़ें इनकी खासियत

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ब्लैक बंगाल और जमुनापारी नस्ल की बकरी.

नई दिल्ली. बकरी गरीबों की गाय कही जाती है. बकरी पालन करके अच्छी कमाई की जा सकती है. बहुत से गांवों में लोग अपने घरों में एक या दो की संख्या में बकरी जरूर पालते हैं. इससे उन्हें बकरी का दूध मिलता है और जब उन्हें ज्यादा पैसों की जरूरत होती है तो बकरी को बेच देते हैं. वहीं बकरी जब बच्चों को जन्म देती है तो कुछ दिनों तक पालने के बाद बेचने से ज्यादा मुनाफा मिलता है. अगर बड़े पैमाने पर बकरी पालन का काम किया जाए तो इनकम भी ज्यादा मिलती है. अगर आप भी बकरी पालन करना चाहते हैं तो इसमें नस्ल का चुनाव करना बेहद अहम है.

एक्सपर्ट का कहना है कि पहले से ये साफ रहना चाहिए कि बकरी पालन किस मकसद के तहत किया जाए. वहीं ऐसी बकरियों को पालना चाहिए जो क्षेत्र की जलवायु के हिसाब से खुद को ढाल लें, तब फायदा ज्यादा मिलेगा. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बिहार सरकार की ओर से इसको लेकर एडवाजरी जारी की गई है.

बकरियों के नस्ल का चुनाव
▶ भारत में जमुनापारी, बीटल, बरबरी, कच्छी, ब्लैक बंगाल, सुरती, मालवारी तथा गुजराती आदि नस्लों की बकरियाँ अच्छी समझी जाती है.

▶ इन सभी नस्लों में दूध, मांस और खाद्य उत्पादन के लिए ब्लैक बंगाल, जमुनापारी, बीटल और बरबरी नस्ल की बकरियाँ काफी उपयोगी साबित हुई है.

▶ इन चारों नस्लों में भी ब्लैक बंगाल, जमुनापारी नस्ल की बकरियां बिहार की जलवायु में अच्छी तरह से पल-बढ़ सकती हैं.

▶ इसलिए बिहार में बकरी पालन करने के लिए ब्लैक बंगाल और जमुनापारी नस्ल की बकरियाँ ज्यादा उचित होगी.

बकरियों की ब्लैक बंगाल नस्ल
▶ब्लैक बंगाल नस्ल के बकरियों के पैर छोटे और शरीर सुगठित होता है. इसके बालों का रंग काला होता है.

▶ ब्लैक बंगाल भारत में सबसे ज़्यादा प्रजनन करने वाली बकरी की नस्ल है.

▶ नर का औसत वजन 15 किलोग्राम और मादा का वजन 12 किलोग्राम होता है.

▶ इस नस्ल से एक बार में 2, 3 या 4 बच्चे पैदा होते हैं.

बकरियों की जमुनापारी नस्ल
▶ इस नस्ल की बकरियां ऊंचे कद की होती हैं. इसकी औसत लंबाई 46 से 50 इंच तथा वजन 45 से 63 किलोग्राम तक होता है.

▶ प्रति बकरी औसत दूध उत्पादन 2.7 किलोग्राम पाया गया है, जो हमारे यहां की औसत उत्पादन से कम नहीं है.

▶ अभी भी जमुनापारी नस्ल की बकरियां पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं है, इसलिए बकरी पालन करने वालों को चाहिए कि वे जमुनापारी और उत्तम देशी नस्ल के संयोग से तैयार संकर बकरियों का चुनाव करें जो अपेक्षकृत सस्ती होंगी और आसानी से मिल भी जाएंगी.

बकरी पालन ध्यान देने वाली बातें
▶ बकरियों को खरीदते समय उनके नस्ल पर जरूर ध्यान दें.

▶ बकरियों के उचित विकास के लिए उनके आहार पर ध्यान दें.

▶ उनके साफ-सुथरे रख-रखाव, रोग प्रबंधन एवं टीकाकरण पर भी ध्यान देना जरूरी है.

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