नई दिल्ली.भारत में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कोशिशें जारी हैं. जबकि पशुपालन की ओर किसान आकर्षित भी कर रहा है. सरकार का मनना है कि पशुपालन के जरिए किसानों की आमदनी दोगुनी की जा सकती है. ये बात सच भी है कि किसान अगर खेती के साथ पशुपालन में भी हाथ आजमाए तो उन्हें दोहरा फायदा होगा. भारत में बड़े पैमाने पर गाय का पालन किया जाता है और गाय को दूध के लिए पाला जाता है. गाय के दूध से किसानों को मुनाफा भी होता है. भारत में 51 रजिस्टर्ड देसी नस्ले हैं, जिनको पाला जाता है और किसान इसका दूध बेचते हैं.
जबकि कई ऐसी विदेशी नस्ल भी हैं, जिन्हें भारत क्या पूरी दुनिया के पशुपालक पालते हैं. उन्हीं नस्लों में से एक एचएफ क्रॉस गाय. इस गाय की तो कई खासियत है लेकिन इसकी दूध देने की क्षमता की वजह से किसान इसे पसंद करते हैं. ये गाय एक ब्यात में 6 हजार लीटर तक दूध दे सकती है जो किसानों के लिए फायदा ही फायदा पहुंचाती है. अगर आप भी एचएफ गाय पालना चाहते हैं तो इस आर्टिकल में इस गाय के बारे में हम आपको कुछ जानकारी देने जा रहे हैं, जिसको पढ़ने के बाद आप तय करें कि इस गाय को पालना है या नहीं.
कैसे हुई एचएफ क्रॉस गाय कैसे हुई तैयार
बता दें कि एचएफ क्रॉस गाय को तैयार करने में एचएफ गाय और किसी अन्य नस्ल के बैल का इस्तेमाल होता है. इसी के जरिए एचएफ क्रॉस गाय का निर्माण किया जाता है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि जब एचएफ नस्ल की गाय और जर्सी नस्ल के बुल या अन्य नस्ल के बुल से ब्रीड कराया जाता है तो इसके बाद एचएफ क्रॉस गाय तैयार की जाती है. हालांकि एचएफ नस्ल की गाय का मूल स्थान नीदरलैंड माना जाता है.
क्या है इस गाय की पहचान
एचएफ क्रॉस गाय की पहचाना चाहते तो ये इस बात पर निर्भर है कि उसकी मां की क्रॉस ब्रीडिंग किस नस्ल के बुल के साथ हुई है. कुछ एचएफ क्रॉस गाय काले रंग की होती हैं. जबकि उनके शरीर में हल्के सफेद रंग के धब्बे दिखाई देते हैं. हालांकि अधिकतर एचएफ नस्ल की गाय सफेद होगी और इनके शरीर पर काले रंग के धब्बे देखने को मिलते हैं. एक खास बात ये भी है कि गाय काफी गठीले शरीर की होती हैं और इनका कद भी देसी गायों के मुकाबले में बड़ा होता है.
एचएफ क्रॉस गाय के पालने के फायदे
एचएफ क्रॉस गाय अपने दूध के लिए ही दुनियाभर में पाली जाती है और एचएफ क्रॉस गाय के फायदे कई हैं. इस गाय की खासियत ये है कि एक दिन में 50 लीटर तक दूध सकती है जो पशुपालक को बहुत फायदा पहुंचेगा. इसकी दूध देने की क्षमता की बात की जाए तो एक ब्यात में ये 5000 से लेकर 6000 लीटर तक दूध दे सकती है. इस नस्ल की गाय के दूध में ए1 प्रोटीन पाया जाता है जिसे पचाना थोड़ा मुश्किल होता है. जबकि भारत में ज्यादातर गायों के दूध में ए2 होता है.
Leave a comment