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NDDB: Gift Milk कार्यक्रम में हर दिन 500 स्कूलों के बच्चे पी रहे ये खास दूध

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कार्यक्रम में मौजूद मेहमान और स्कूली बच्चे.

नई दिल्ली. स्कूली बच्चों में कुपोषण को दूर करना बेहद ही ही जरूरी है. इसके लिए प्रतिदिन लगभग 1,200 बच्चों को विटामिन ए और डी से भरपूर 200 मिली लीटर फ्लेवर्ड दूध उपलब्ध करा रहा है. दरअसल, एनडीडीबी, गिफ्ट मिल्क कार्यक्रम के तहत 500 स्कूलों के इन बच्चों को खास दूध पिला रहे हैं. बताया गया कि एनडीडीबी फाउंडेशन फॉर न्यूट्रिशन इस पहल के लिए दूध की लगातार आपूर्ति सुनिश्चित करेगा. लॉन्च कार्यक्रम के दौरान, एनडीडीबी के अध्यक्ष ने हाल के सर्वेक्षणों का हवाला देते हुए बाल कुपोषण की गंभीर चिंता को उजागर किया. जिसमें 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में बौनेपन और कम वजन की चिंताजनक दरें सामने आई हैं.

इससे पहले एनडीडीबी और इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह ने तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले के पोलाची में एनडीडीबी फाउंडेशन फॉर न्यूट्रिशन के प्रमुख गिफ्टमिल्क कार्यक्रम की शुरुआत की. इस कार्यक्रम को एनडीडीबी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी आईआईएल के सीएसआर के तहत फंडेड है. पोलाची की उप-कलेक्टर सेल्वी ए कैथरीन सरन्या, आईआईएल के एमडी डॉ. के आनंद कुमार और कोयंबटूर के जिला शिक्षा अधिकारी श्री आर केशवकुमार ने इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

1.1 लाख बच्चों को मिला है फायदा
डॉ. शाह ने एनएफएन के गिफ्टमिल्क कार्यक्रम के माध्यम से स्कूल दूध कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए 2016 से एनडीडीबी के चल रहे प्रयासों पर जोर दिया. इस पहल ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, 2016 से भारत भर में 500 से अधिक स्कूलों में 1.1 लाख से अधिक बच्चों को लाभ पहुंचा है. अब इसका विस्तार पोलाची और उसके आसपास के 4 सरकारी स्कूलों और 10 आदिवासी सरकारी छात्रावासों तक हो गया है, जिसका टारगेट सबसे जरूरतमंद और कमजोर बच्चों तक पहुंचना है. उन्होंने राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान, रांची द्वारा किए गए एक अध्ययन के निष्कर्षों का हवाला देते हुए स्कूल में अनुपस्थिति को कम करने और बाल स्वास्थ्य में सुधार पर कार्यक्रम के सकारात्मक प्रभाव का भी जिक्र किया.

20 करोड़ रुपये का हुआ है कारोबार
सेल्वी सरन्या ने एनडीडीबी के अध्यक्ष और आईआईएल के एमडी के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने विशेष रूप से सरकारी छात्रावासों में, विशेष रूप से वलपराई में दूध की कमी का उल्लेख किया और इन संस्थानों में दूध की आपूर्ति की व्यवस्था करने में उनकी त्वरित कार्रवाई के लिए आईआईएल को धन्यवाद दिया. दूध उत्पादन में भारत की यात्रा पर विचार करते हुए, उन्होंने कमी से दुनिया के अग्रणी दूध उत्पादक बनने के लिए इसके विकास पर प्रकाश डाला, जो डॉ वर्गीज कुरियन द्वारा संचालित एक क्रांति थी. उन्होंने इस विरासत को मान्यता देने का आग्रह किया क्योंकि व्यक्तियों को अपना रोजमर्रा दूध मिलता है और पोलाची में और अधिक स्कूलों में इस योजना के विस्तार की उम्मीद है. डॉ कुमार ने गिफ्टमिल्क कार्यक्रम के गहन प्रभाव पर जोर दिया, जो वर्तमान में तेलंगाना के लक्ष्मीपुर और तमिलनाडु के ऊटी में 3,500 बच्चों को प्रतिदिन 200 मिलीलीटर फोर्टिफाइड दूध प्रदान करता है पिछले चार वर्षों में 20 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है.

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