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Cow Husbandry: मध्य प्रदेश में 10 हजार गायों के लिए बन रही है हाईटेक गौशाला, यहां पढ़ें खासियत

मध्य प्रदेश के एक गौशाला में चारा खाती गायें.

नई दिल्ली. देशभर के कई राज्यों में बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. इन बेसहारा पशुओं में ज्यादातर गोवंश हैं. जिसके चलते कई दिक्कतें आ रही हैं. अक्सर रोड पर गोवंश के घूमने की वजह से रोड एक्सीडेंट भी हो रहे हैं. भोजन की तलाश में इधर से उधर भटकने वाले गोवंश न सिर्फ इन रोड एक्सीडेंट में मारे जा रहे हैं, बल्कि इससे आम इंसानों को भी नुकसान पहुंच रहा है. कई दुर्घटनाओं में आम लोगों ने भी जान गवाई है या फिर बुरी तरह से जख्मी हुए हैं. इतना ही नहीं लोगों के वाहन भी क्षतिग्रस्त होते हैं. इस वजह से सरकार गायों के संरक्षण एवं संवर्धन का काम कर रही है.

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में गायों के संरक्षण एवं संवर्धन का काम किया जा रहा है. मध्य प्रदेश में गायों को सेफ रखने के मकसद से कई अहम की काम किए जा रहे हैं. पशुपालन एवं डेयरी विभाग, गौशालाओं का निर्माण भी कर रहा है. जहां पर गायों को रखा जा सके. मध्य प्रदेश सरकार गांव संरक्षण एवं संवर्धन संकल्प के सपने को साकार करने के लिए जबलपुर जिले की रांझी तहसील के उमरिया गांव मेंहाईटेक गौशाला बना रही है. ताकि गायों को अच्छी व्यवस्था दी जाए. यहां बन रही हाईटेक गौशाला से न सिर्फ गायों को फायदा होगा बल्कि कई कई और फायदे हैं.

10 हजार गौवंश रखने की होगी क्षमता
जबलपुर जिले की रांझी तहसील के गांव उमरिया में बनेगी हाइटेक गौशाला का निर्माण किया जा रहा है. अगर बात हाईटेक है तो जाहिर है कि आपके जहन में सवाल उठ रहा होगा कि कैस? तो जान लें कि चार चरण में इस गौशाला का निर्माण होगा और कुल 20.79 हेक्टेयर क्षेत्र में होगा निर्माण कार्य किया जाएगा. इस गौशाला की ये खासियत होगी कि यहां पर 10 हजार गौवंश के रहने की क्षमता होगी. उनके खानपान से लेकर तमाम चीजों की व्यवस्था सरकार की ओर से की जाएगी.

गौशाला में बनाया जाएगा तालाब
पशुपालन एवं डेयरी विभाग की ओर से बताया गया कि गौ-शाला में पशु चिकित्सा इकाई, गोबर एवं गौमूत्र प्रोसेसिंग, जैविक खाद उत्पादन, बायोगैस प्लांट की स्थापना की जायेगी. जिससे गौशाला की कमाई होगी. इससे न सिर्फ लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि गौशाला की आत्मनिर्भर होगी. बता दें कि इस हाईटेक गौशाला में 29 हजार 172 वर्ग मीटर सड़क बनाई जाएगी. वहीं 13 हजार 554 वर्गमीटर क्षेत्र में तालाब का निर्माण किया जाएगा. जबकि 1 लाख 02 हजार 300 वर्ग मीटर क्षेत्र गायों के लिए खुला रखा जाएगा. 19 हजार 155 वर्ग मीटर क्षेत्र में शेड का निर्माण किया जाएगा.

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