Home पशुपालन Animal News: पशुओं के लिए इस तरह की बनानी चाहिए नांद, सही डिजाइन का क्या है फायदा, जानें यहां
पशुपालन

Animal News: पशुओं के लिए इस तरह की बनानी चाहिए नांद, सही डिजाइन का क्या है फायदा, जानें यहां

GBC 4.0 in up
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुपालन करके कोई भी किसान हर महीने अच्छी खासी इनकम हासिल कर सकता है. हालांकि पशुपालन में पशुओं की अच्छे ढंग से देखरेख की जरूरत पड़ती है. पशुओं को किस तरह का फीड देना चाहिए, जिससे उनकी तमाम जरूरतें पूरी हो जाएं, इसका भी ख्याल रखना पड़ता है. वहीं पशुपालकों को इस बात का भी ख्याल रखना होता है कि पशु बीमार न पड़े. क्योंकि पशु बीमार पड़ने पर दूध उत्पादन कम कर देता है, इसकी वजह से डेयरी फार्मिंग में नुकसान होने लगता है. अगर ज्यादा बीमार होने की स्थिति में पशु की मौत हो जाती है तो डेयरी फार्मिंग का बिजनेस बंद भी हो सकता है.

आमतौर पर पशुपालन में दूध बेचकर ही कमाई की जाती है. अगर आप गाय या भैंस पाल रहे हैं तो इसका दूध ही आपको कमाई कराता है. इसलिए पशुपालकों की कोशिश होती है कि उनका पशु ज्यादा से ज्यादा दूध का उत्पादन करे. ताकि उन्हें डेयरी फार्मिंग में अच्छा खासा मुनाफा हो सके. इसके लिए पशुओं को पोषण युक्त चारा खिलाना पड़ता है. उनके शरीर की तमाम जरूरत को पूरा करने के लिए हरा चारा, सूखा चारा, मिनरल मिक्सचर आदि देना पड़ता है. तभी पशु अच्छे ढंग से दूध उत्पादन करते हैं.

कई तरह की बनती है नांद
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि पशुओं को हरा चारा, सूखा चारा, मिनरल मिक्सचर जो कुछ भी दिया जाता है, उसे खिलाने का एक बर्तन होता है. जिसे हम नांद कहते हैं. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो जिस तरह से पशुपालन में तमाम चीजों का ध्यान रखना होता है, इसी तरह से उनकी नांद बनाने पर भी ध्यान देना चाहिए. अगर नांद ठीक नहीं बनी है तो हो सकता है कि पशु को चारा खाने में दिक्कत आए. पशुपालन करने में पशुपालकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़े. इसलिए नांद की सही डिजाइन जानना भी है जरूरी है. केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान मेरठ के एक्सपर्ट की मानें तो पशुपालक भाई सीमेंट की पक्की नांद बना सकते हैं. वहीं लकड़ी की, टायर या कनस्तर की काम चलाऊ नांद भी बनाई जा सकती है.

इस तरह की होनी चाहिए नांद
पशुपालक भाई अगर पक्की नांद तैयार करते हैं तो इसकी गहराई 1.5 फीट चौड़ाई 2.5 फीट और ऊंचाई दीवार के अंदर 2 फीट तक रखनी चाहिए. नांद की तली चंद्राकर होनी चाहिए. ताकि किनारे न होने के कारण पुराना चारा दाना इकट्ठा ना हो पाए. जिससे उसमें कीड़े न पड़े सकें. नांद में चारे या दाने के साथ पानी मिलाकर देना बेहतर होता है. इसमें एक से दूसरी तरफ 1:40 की ढलान होना चाहिए. ताकि आसानी से सफाई की जा सके. क्योंकि एक समय पर इसकी सफाई जरूरी होती है. अगर पशु की नांद में खड़े होकर गंदा करने की आदत है तो इसे ऊपर गोल पाइप की रेलिंग लगाई जा सकती है. हमेशा इस बात का ख्याल रखें कि नांद में चारे के साथ कोई पॉलीथिन, नुकीली चीज आदि न चली जाए, नहीं तो इससे पशु को नुकसान हो सकता है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

livestock
पशुपालन

Animal News: बढ़ गई है खानदानी गाय-भैंस और भेड़-बकरी की संख्या, 10 नई नस्लें रजिस्टर्ड, पढ़ें डिटेल

बुंदेलखंडी बकरी का एक नस्ल के रूप में पंजीकरण, रिसर्च कोशिशों को...

buffalo calving
पशुपालन

Animal Husbandry: इस वजह से लटकता है बछड़ी का पेट, यहां जानें कैसे किया जा सकता है इसका इलाज

एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि कई बार जब बछड़ी पैदा होती है...