नई दिल्ली. मछली पालन के लिए सबसे खतरनाक मौसम सर्दियों का होता है. सर्दियों में मछलियों में मृत्युदर बहुत तेजी से दिखाई देती है. इसके चलते मछली पालकों को नुकसान होता है. फिश एक्सपर्ट कहते हैं कि सर्दियों में मछलियों को ठंड से बचाना बेहद ही जरूरी होता है. ये भी देखा जाता है कि ठंड के कारण मछली पालक तालाब में जाल भी नहीं चला पाते हैं, क्योंकि पानी ठंडा होता है और उनके लिए तालाब में जाना मुश्किल होता है. इससे बाजार में भी मछलियों को बेच नहीं पाते हैं. जबकि लंबे समय तक मछलियां तालाब में रहती हैं और इस वजह से भी उनमें मृत्युदर दिखाई देती है.
फिश एक्सपर्ट कहते हैं कि ठंड में मछलियों को एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होती है तभी उनमें मृत्युदर कम की जा सकती है. फिश एक्सपर्ट की मानें तो सिलहन प्रजाति की मछली सर्दियों में ज्यादा अस्वस्थ रहती हैं. उनमें मूवमेंट कम हो जाता है, इस स्थिति में हर रोज कुछ समय के लिए पम्पिंग सेट के माध्यम से तालाब में ताजा पानी डालना चाहिए. हर 10 दिन में तालाब में जमा पानी एक चौथाई हिस्सा खाली कर देना चाहिए. इससे जिन मछलियों में मूवमेंट कम होता है और उन्हें ठंड से ज्यादा दिक्कत होती है उन्हें बचाया जा सकता है. जबकि मछली पालक ये भी कर सकते हैं कि ऐसी मछलियों को पालें जो ठंड में खुद को एडजेस्ट कर लें.
इन कारणों से ज्यादा होती है मौत
- आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ठंड में मछलियों की मौत के कई कारण हैं. उसमें चार मुख्य हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक ठंड के मौसम में तालाब में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. जिससे मछलियों की दम घुटने से मौत हो जाती है. इसलिए एरियेटर चलाकर तालाब में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ाया जाता है.
- ठंड में कई बार मछलियों की भूख की वजह से भी मौत हो जाती है. दरअसल, ठंड के कारण पानी ठंडा हो जाता है और मछलियों में मूवमेंट कम दिखाई देता है. ऐसे में मछलियां फीड तक नहीं पहुंच पाती और उनकी भूख वजह से मौत हो जाती है.
- मछलियों में तनाव भी होता है. ठंडा या गर्म तापमान, प्रजनन, कट, कीड़े, पर्याप्त भोजन न मिलाना या किसी अन्य तरह से मछलियों में तनाव होता है और इससे भी उनकी मौत हो जाती है.
- मछलियों के तापमान में होने वाले बदलावों के लिए बहुत संवेदनशील होती हैं. कुछ डिग्री का अंतर भी कभी-कभी उनकी मौत का कारण बन जाता है.
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