नई दिल्ली. डेयरी फार्मिंग करने वाले किसानों के सामने पशुओं को लेकर कई समस्याएं सामने आती हैं. कई बार पशु रुक-रुक कर दूध उतरता है तो इससे पशु पालक परेशान रहते हैं. दरअसल, होता ये है कि पशु के किसी एक थन में दूध दोबारा आ जाता है और यह तब होता है कि जब दूध निकाल लिया जाता है. इसके बाद भी थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दूध निकलता रहता है. अगर सभी थानों में यह दिक्कत आती है तो दूध न देने का का इलाज कर दिया जाता है लेकिन एक थन में ये मुश्किल हाने पर इसका अलग तरीके से इलाज किया जाता है. तभी पशु को फायदा होता है.
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि अक्सर ऐसा भी होता है कि कोई गाय या भैंस रुक-रुककर दूध का उत्पादन करती है. ऐसे में पशु को दवा के साथ मिनरल मिक्सर भी दिया जाता है तो इससे यह प्रॉब्लम खत्म हो जाती है. मार्केट में दूध एक्स नाम की भी सीरप आता है, जिसको पिलाकर इस समस्या हल निकला जा सकता है. 50 एमएल यह 5 दिनों तक की दवा दी जाती है. एक्सपर्ट कहते हैं विटामिन मिनरल के साथ अगर इसको दिया जाए तो इसका रिजल्ट अच्छा दिखता है.
इस वजह से होती है ये समस्या
अगर एक थन में प्रॉब्लम हो रही है इसका अलग तरह से इलाज होता है. पहले जान लेते हैं कि समस्या क्यों होती है. अक्सर थन के ऊपरी हिस्से और नीचे के भाग के बीच में कुछ रूकावट होने पर इस तरह की दिक्कत आती है. कई बार रूकावट अंदरूनी भी रहती है. इस रूकावट की वजह से जब दूध तेज निकलता है तब तो दूध आसानी से बाहर आ जाता है लेकिन रुकावट की वजह से पूरी तरह से दूध नहीं निकल पाता और फिर बाद में धीरे-धीरे दूध बाहर निकलता रहता है, तो आपको लगता है कि यह फिर से दूध दे रही है लेकिन यह रुकावट की वजह से होता है.
इस तरह करें इलाज
इसके चलते भैंस या गाय अपनी क्षमता के मुताबिक दूध का उत्पादन नहीं कर पाती हैं. इस कंडीशन में हम पशु को पोटेशियम आयोडाइज्ड वाली दवाएं दे सकते हैं. अगर इस तरह की दवा दी जाती तो पशु को कुछ दिनों में फायदा हो जाएगा. मस्टी कवर नाम की भी एक दवा आती है. जिससे इस समस्या का इलाज हो सकता है. वहीं देसी तरीके की बात की जाए तो 200 ग्राम नींबू देने से भी इस तरह की समस्या दूर हो जाती है. चीनी भी 250 ग्राम इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन अगर मिश्री लेते हैं तो ज्यादा फायदेमंद होगा. नींबू को गुड़ के साथ मिलाकर भी दे सकते हैं.
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