नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पशुपालन और डेयरी सेक्टर से जुड़ी अहम योजना को लेकर बड़ा महत्वपूर्ण फैसला हुआ है. इस बैठक में तय हुआ कि लागत के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (आईडीएफ) के तहत लागू किए जाने वाले पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एएचआईडीएफ) को 2025-26 तक यानि अगले तीन साल के लिए जारी रखा जाएगा. बता दें कि इस योजना के तहत डेयरी प्रोसेसिंग और प्रोडक्टम डायवर्सिफिकेशन, मीट प्रोसेसिंग और प्रोडक्ट2 डायवर्सिफिकेशन, पशु चारा मशीनरी, ब्रीड मल्टीगपीकेशन फार्म, पशु अपशिष्ट से धन प्रबंधन (कृषि-अपशिष्ट प्रबंधन) और पशु चिकित्सा वैक्सीन और दवा उत्पादन सुविधाओं के लिए निवेश को प्रोत्साहित करेगी.
क्रेडिट गारंटी भी प्रदान करेगी.
गौरतलब है कि भारत सरकार अनुसूचित बैंक और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), नाबार्ड और एनडीडीबी से 90% तक लोन के लिए दो साल की मोहलत सहित 8 वर्षों के लिए 3% ब्याज छूट प्रदान करेगी. पात्र संस्थाएं व्यक्ति, निजी कंपनियां, एफपीओ, एमएसएमई, धारा 8 कंपनियां हैं. अब डेयरी सहकारी समितियां डेयरी संयंत्रों के आधुनिकीकरण, सुदृढ़ीकरण का भी लाभ उठाएंगी. वहीं भारत सरकार एमएसएमई और डेयरी सहकारी समितियों को 750 करोड़ रुपये के क्रेडिट गारंटी फंड से उधार लिए गए क्रेडिट के 25% तक क्रेडिट गारंटी भी प्रदान करेगी. एएचआईडीएफ ने अपनी स्थापना के बाद से अब तक 141.04 एलएलपीडी (लाख लीटर प्रति दिन) दूध प्रसंस्करण क्षमता, 79.24 लाख मीट्रिक टन फ़ीड प्रोसेसिंग क्षमता और 9.06 लाख मीट्रिक टन मांस प्रोसेसिंग क्षमता को सप्लाई चेन में जोड़कर प्रभाव पैदा किया है. यह योजना डेयरी, मांस और पशु चारा क्षेत्र में प्रसंस्करण क्षमता को 2-4% तक बढ़ाने में सक्षम है.
पशुधन क्षेत्र में निवेश का अवसर मिलता है
बैठक में सामने आया कि पशुपालन क्षेत्र निवेशकों के लिए पशुधन क्षेत्र में निवेश करने का अवसर प्रस्तुत करता है, जिससे यह क्षेत्र मूल्यवर्धन, कोल्ड चेन और डेयरी, मांस, पशु चारा इकाइयों की एकीकृत इकाइयों से लेकर तकनीकी रूप से सहायता प्राप्त पशुधन और पोल्ट्री फार्म, पशु वेस्ट तक एक आकर्षक क्षेत्र बन जाता है. तकनीकी रूप से सहायता प्राप्त ब्रीड ब्रीडिंग फॉर्म, पशु चिकित्सा दवाओं और वैक्सीन इकाइयों को मजबूत करना, पशु अपशिष्ट से धन प्रबंधन जैसी नई गतिविधियों को शामिल करने के बाद, यह योजना पशुधन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए एक बड़ी क्षमता प्रदर्शित करेगी.
35 लोगों को मिलेगा रोजगार
यह योजना उद्यमिता विकास के माध्यम से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 35 लाख लोगों के लिए रोजगार क्रिएट करने का एक माध्यम होगी और इसका उद्देश्य पशुधन क्षेत्र में धन सृजन करना है. अब तक एएचआईडीएफ ने लगभग 15 लाख किसानों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित किया है. एएचआईडीएफ किसानों की आय को दोगुना करने, निजी क्षेत्र के निवेश के माध्यम से पशुधन क्षेत्र का दोहन करने, प्रोसेसिंग और मूल्य संवर्धन के लिए नई तकनीकों को लाने और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक मार्ग उभर रहा है. एएचआईडीएफ में प्रोत्साहन द्वारा निवेश न केवल निजी निवेश को 7 गुना बढ़ा देगा, बल्कि किसानों को इनपुट पर अधिक निवेश करने के लिए भी प्रेरित करेगा, जिससे उत्पादकता में वृद्धि होगी जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी.
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