नई दिल्ली. बढ़ते तापमान में कुत्ते आक्रामक हो गए हैं. उनके व्यवहार में बदलाव आ गया है. सड़क व गलियों में आवारा आतंक लोगों को आतंकित कर रहा है. कुत्ते दौड़ाकर राहगीरों को काट रहे हैं. इसके पीछे की वजह पशु चिकित्सक भोजन की कमी और तेज तापमान को कारण मान रहे हैं. माना जा रहा है कि भीषण गर्मी होने के कारण कुत्ते ठंडक वाली जगह पर बैठकर अपना समय काटते हैं. रात में हल्की ठंडक होने पर वे झुंड में सड़कों पर चलते हैं. दिनभर की गर्मी व भोजन नहीं मिलने से आने-जाने वालों को दौड़ाते हैं. गर्मी के इस सीजन में कुत्तों के काटने की संख्या भी बढ़ जाती है. आइये हम आपको बताते हैं कि गली के कुत्तों के साथ ऐसा क्या करें कि वे राहगीरों को काटें नहीं.
चिलचिलाती गर्मी बेजुबानों पर भी कहर बरपा रही है. तापमान में बढ़ोत्तरी न केवल इंसानों के लिए मुसीबत बन गई है, बल्कि बेजुबान भी इस गर्मी से हांफने को मजबूर हैं. हालत ये है कि स्ट्रीट डॉग्स का सामान्य स्वभाव भी बढ़ते तापमान के कारण बदल गया है. स्ट्रीट डॉग्स के आक्रामक होने के कारण इंसानों को काटने की घटनाओं में काफी बढ़ोत्तरी हो रही है.
गर्मी में आक्रामक हो जाते हैं कुत्ते: डॉक्टर अश्वनी कुमार शर्मा ने किसान तक को बताया कि खासतौर पर गर्मी के इस मौसम में कुत्ते बहुत आक्रामक हो जाते हैं. उसकी वजह ये है कि 40 से 45 डिग्री तापमान होने पर उनकी यह गर्मी और बढ़ जाती है. इंसानों की तरह से कुत्तों की गर्मी पसीने की तरह से नहीं निकलती है. मुंह के रास्ते ली जाने वाली सांस से वो अपने शरीर की गर्मी को मेंटेन करते हैं. जब गर्मी बहुत बढ़ जाती है तो ऐसा करने में उन्हें बहुत तकलीफ होती है. इसके चलते उनके अंदर चिढ़ चिढ़ापन आ जाता है.
ये काम करेंगे तो नहीं काटेंगे कुत्ते: डॉक्टर अश्वनी कुमार शर्मा का कहना है, कि आसपास घने पेड़ न होने के चलते उन्हें छांव भी नहीं मिल पाती है. घर के आसपास ठंडी जगह में हम उन्हें बैठने नहीं देते हैं. कार के नीचे बैठें तो हम उन्हें मारने लगते हैं. ऐसे वक्त न तो उन्हें खाना ही मिल पाता है और ना ही पानी. ऐसा भी नहीं होता है कि कोई उनके बदन पर पानी डाल दे.
कुत्तों में टीकाकरण जरूरी: कुत्तों में टीकाकरण जरूर करवाना है. कुत्तों में प्रीएक्स्पोज़र टीकाकरण कैसे करता है इसके लिए हम आपको इसकी जानकारी देते हैं. पहला टीकाकरण 3 माह की उम्र में करना जरूरी है. वही दूसरा टीकाकरण जब कुत्ता 6 महीने का हो जाए तब कराएं. इसके बाद 1 वर्ष में टीकाकरण जरूर कराएं.
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