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Meat: मछली खाने से कम होता है हार्ट अटैक का खतरा, कई और भी फायदे हैं

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प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. एक स्वस्थ व्यक्ति को हेल्दी रहने के लिए कई विटामिन की जरूरत होती है. हेल्दी डाइट जरूरी होती है. मछली एक ऐसी डाइट है जिसे आहार में शामिल करके खुद को हेल्दी रखा जा सकता है. जबकि मछली खाने के कई और फायदे हैं. मछली का सेवन करने से हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है. इतना नहीं गर्भवति महिलाओं को जरूरी पोषण और नवजात के विकास के लिए भी एक्सपर्ट मछली खाने की सलाह देते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि सप्ताह में ही सही कम से कम 150 ग्राम मछली का सेवन करना ही चाहिए.

बताते चलें कि मछली से संबंधित गतिविधियों (मत्स्य पालन और जलीय कृषि, प्रोसेसिंग और व्यापार) के माध्यम से, मछली प्रति व्यक्ति आय में महत्वपूर्ण योगदान देती है. इसलिए दुनिया की आबादी के 10 फीसदी से ज्यादा लोगों अप्रत्यक्ष रूप से खाद्य सुरक्षा में इसका योगदान है. भारत जैसे विकासशील और उभरते देशों में मछली पोषक आहार का जरूरत एक बड़ा स्रोत है. फिर भी, राष्ट्रीय स्तर पर और व्यापक विकास चर्चाओं और हस्तक्षेपों में खाद्य सुरक्षा और पोषण के मामले में मछली की ओर सीमित ध्यान दिया जाता है. जबकि इसकी जरूरत है.

अच्छी हेल्थ के लिए है जरूरी
मत्स्य और जलीय कृषि क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा और पोषण में सुधार हेतु मछली प्रकृति का ‘सुपरफूड ‘है, आवश्यक पोषक तत्वों का एक अनूठा स्रोत, जिसमें लंबी श्रृंखला का ओमेगा -3 फैटी एसिड, आयोडीन, विटामिन डी और कैल्शियम शामिल हैं. ओमेगा 3 धमनियों में कोलेस्ट्राल के जमाव को रोकता है जिससे वे संकरी नहीं होतीं और हार्ट अटैक की संभावनाओं को दूर करता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि मछली का सेवन अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है. यह गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी है.

नवजात के लिए भी फायदेमंद
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक सिफारिश के मुताबिक प्रति व्यक्ति प्रति सप्ताह मात्र डेढ़ सौ ग्राम मछली का उपभोग समुचित पोषण के लिये पर्याप्त है. गर्भावस्था से लेकर बच्चे के दूसरे साल में प्रवेश करने तक यह बच्चे के समुचित शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा देती है. मछली में पोषक तत्व मस्तिष्क विकास में बढ़ावा देते हैं, प्रतिरक्षा प्रणाली को विनियमित करते हैं और स्वस्थ हड्डियों का निर्माण करने में मददगार है.

25 हजार करोड़ का हुआ निवेश
मत्स्य विकास के लिए केंद्र ने गत वर्षों में 25,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसका उद्देश्य भारत में मात्स्यिकी इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना और मछलियों के उत्पादन को बढ़ावा देना है. मत्स्य क्षेत्र भारत में आजीविका का प्रमुख स्रोत है. इस क्षेत्र में विकास पोषण सुरक्षा, भारत की खाद्य सुरक्षा और देश में अतिरिक्त रोजगार सुनिश्चित कर रहा है. मत्स्य पालन की तकनीक अपना कर घर परिवार और राष्ट्र के स्वस्थ होने में अहम योगदान दे सकते हैं.

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