नई दिल्ली. अंडा मांसाहारी है या फिर शाकाहारी ये इसपर विवाद कोई नया नहीं है. बहुत से लोग अंडे को मांसाहारी बताते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने अंडे के बारे में मिथकों और अफवाहों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की हुई है. इसे पढ़कर आपको ये पता चल जाएगा कि अंडा मांसाहरी फूड में आता है या फिर शाकाहारी फूड में. क्या इसे शाकाहारी लोग खा सकते हैं, तो इसका जवाब है हां और इससे जुड़ी कई अहम जानकारी आगे आप आर्टिकल में पढ़ सकते हैं.
अंडे दो प्रकार के होते हैं. एक वो जिसमें भ्रूण होता है और दूसरे वो जो टेबल अंडे कहे जाते हैं जिसमें भ्रूण नहीं होता है. सुपरमार्केट, रेस्तरां आदि में उपलब्ध सभी अंडे इसी कैटेगरी में आते हैं. इसका मतलब है कि किसी भी स्थिति में उनमें कोई भ्रूण या चूजा नहीं है. ये अंडे टेबल अंडे हैं और इन्हें दूध के समान ही माना जाता है. दूध में भी अंडे की तरह ही पशु कोशिकाएं होती हैं.
क्या है अंडे देने का प्रोसेस
जबकि उपजाऊ अंडे जिसमें भ्रूण होते हें उपभोग के लिए बाजार में उपलब्ध नहीं है और केवल चूजों को सेने के लिए उपयोग किया जाता है. नर और मादा पक्षियों के बीच संभोग होने पर ही अंडे बनते हैं. मनुष्यों की तरह, नियमित मासिक धर्म या चक्र जो ओवा या अंडों की रिहाई का कारण बनता है. वहीं जिस प्रकार मुर्गी भी ओवा छोड़ती है जो अंडों में रिफलेक्ट होता है. इसलिए, मादा पक्षी के लिए अंडे देने के लिए अंडा नर पक्षी बिल्कुल आवश्यक नहीं है. किसी भी संभोग की कोई आवश्यकता नहीं है. चाहे मादा मुर्गा मौजूदा हो या नहीं मुर्गी लगातार अंडे देती है.
अंडों में नहीं की जा सकती मिलावट
अंडों के बारे में कोई एक अफवाह नहीं है. बल्कि कई अफवाह और मिथक है. मसलन अक्सर सोशल मीडिया पर इस बात का भी दावा किया जाता है कि अंडों के अंदर मिलावट की जाती है. अंडों में मिलावट होने के कारण ये खाने योग्य नहीं होता है. इससे इंसान के शरीर में कई बीमारी हो सकती है. कहा जाता है कि अंडों में मिलावट की जाती है और उनमें हानिकारक पदार्थ डाले जाते हैं. जबकि आईसीआर के मुताबिक अंडे इस ग्रह पर एकमात्र ऐसा भोजन हैं, जिसमें मिलावट या हेरफेर नहीं किया जा सकता है. यह पूरी तरह से शुद्ध हैं.
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