नई दिल्ली. अगर आप मछली पालन करने का इरादा बना चुके हैं और मछली पालन से हर साल 5 से 6 लाख रुपए तक कमाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको मछली पालन की पूरी जानकारी करनी होगी. जब मछली पालन से जुड़ी तमाम जानकारी आपको हो जाएगी तो इससे मछली पालन के काम में नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा. हर मछली पालक को इस बात की जानकारी जरूर होना चाहिए कि वो किस तरह के तालाब में मछली का पालन करें. कौन सी मछलियों का पालन करें. उन्हें क्या फीड दें. अगर इन तमाम चीजों की जानकारी है तो मछली पालन में सफलता हासिल की जा सकती है.
यदि आप मछली पालन करने का इरादा बना चुके हैं तो हम आपको यहां कुछ अहम चीजों की जानकारी देंगे, जिससे आपको मछली पालन करने में मदद मिलेगी. आप मछली पालन करके अच्छी कमाई कर पाएंगे. फिर देर न करिए. आइए जानते हैं कि कैसे मछली पालन करके अच्छी कमाई की जा सकती है.
मछलियों के हिसाब से हो तालाब का वातावरण
एक्सपर्ट कहते हैं कि मछलियों की सही ग्रोथ तभी संभव है, जब उनके तालाब का वातावरण मछलियों के लिए परफेक्ट होगा. इसलिए यह जानना बेहद ही जरूरी है कि आपके तालाब के आकार के मुताबिक उसमें कितनी मछलियों को डालना चाहिए. जिससे आपको अच्छा उत्पादन मिले. ज्यादा मछलियों को डालने से उनकी ग्रोथ रुक सकती है. वहीं इससे बीमारियों का खतरा भी ज्यादा रहता है. जबकि रखरखाव करने में भी मछली पालकों को दिक्कत आती है. इसलिए सही साइज और सही संख्या में मछलियों को डालने से आप उनकी बेहतर ग्रोथ पा सकेंगे.
मछलियों की जरूरत के मुताबिक दें फीड
मछली पालक भाइयों ये बात भी जान लें कि मछलियों को फीड देना भी एक अहम काम है. क्योंकि हर मछली का भोजन अलग होता है. आपको यह जानना होगा कि कौन सी मछली क्या खाती है. क्या आपने होममेड फीड देंगे या फिर बाजार से फीड लाकर खिलाएंगे. एक्सपर्ट कहते हैं कि यह फैसला कई बार मछलियों की जरूरत और मछली पालन के बजट पर निर्भर करता है. कुछ मछलियां सिर्फ प्लैंकटन खाती हैं जो एक तरह का नेचुरल फीड होता है. जबकि कुछ मछलियां कंपनियों के फीड पर अच्छा परफॉर्मेंस करती हैं. सही फीड का चयन न सिर्फ मछलियों की ग्रोथ तेजी से करता है बल्कि मछलियों को बीमारियों से बचाने में भी मददगार साबित होता है. याद रखें कि सस्ते के चक्कर में कभी भी न पड़ें. हमेशा मछलियों को वही दें जो उनके लिए बेहतर है.
मौसम के लिहाज से भी रखें ख्याल
वहीं मौसम के हिसाब से तालाब में बदलाव करना भी बेहद जरूरी होता है. जैसे-जैसे मौसम बदलता है, तालाब का तापमान, ऑक्सीजन स्तर, फीडिंग पैटर्न पर असर पड़ता है. यहां आपको यह समझना होगा कि गर्मियों में मछलियों को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है. जबकि सर्दियों में उनका मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है. इसलिए समय-समय पर मछलियों की जांच करते रहना चाहिए. अगर किसी मछली में कोई बीमारी दिखे तो तुरंत इलाज कराएं. ये छोटी-छोटी चीज मछली पालन में बड़ी भूमिका निभाती हैं.
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