Home मछली पालन Fisheries: झींगा मछली पालन के लिए कैसा होना चाहिए पानी, यहां पढ़ें डिटेल
मछली पालन

Fisheries: झींगा मछली पालन के लिए कैसा होना चाहिए पानी, यहां पढ़ें डिटेल

shrimp farming in india
झींगा मछली पालन की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. झींगा की मांग देश और विदेश में तेजी बढ़ रही है. यही वजह है कि झींगा मछली का कारोबार भी उसी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. जबकि एक्सपोर्ट के मामले में बीते आठ साल में भारत ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. इसको देखते हुए घरेलू बाजार में भी झींगा को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार तमाम तरह की योजनाएं चला रही है. ताकि झींगा पालकों को फायदा पहुंचाया जा सके और इस कारोबार से और लोग भी जुड़े ताकि रोजगार के अवसर भी खुलें. अब रही बात कि झींगा पालन को कैसे किया जाए तो सबसे पहले ये जान लें कि झींगा पालन मछली की तरह हर पानी में नहीं होता है. इसके लिए खारा यानि नमक वाला पानी झींगा मछली के लिए किसी अमृत से कम नहीं है. पानी खारा है तो एक एकड़ के तालाब में चार टन तक झींगा का उत्पादन किया जा सकता है.

झींगा पालन को बढ़ावा देने के लिए हो रहा काम
मंत्रालय की तरफ से जारी एक आंकड़े से पता चलता है कि फ्रोजन झींगा का एक्सपोर्ट 233 फीसद तक बढ़ा है. जबकि सीफूड एक्सपोर्ट को और बढ़ावा देने के मकसद से मत्स्य और पशुपालन मंत्रालय सागर परिक्रमा फेज थ्री का आयोजन कर रहा है. समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीडा) के मुताबिक साल 2022-23 के लिए समुद्री खाद्य निर्यात का लक्ष्य 8,868 मिलियन अमेरिकी डॉलर तय किया गया है. इसे पूरा करने के लिए भी झींगा मछली निर्यात को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. वर्ष 2021-22 में 5829 मिलियन अमेरिकी डॉलर का झींगा एक्सपोर्ट हुआ था. जबकि झींगा मछली पालन को और बढ़ावा देने के मकसद के तहत खारे पानी की जलीय कृषि के तहत क्षेत्र को बढ़ाने के लिए राज्यवार लक्ष्य भी निर्धारित किए गए हैं. खासतौर पर झींगा पालन को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए काम किया जा रहा है.

पानी का खारापन क्यों है जरूरी
पंजाब फिशरीज डिपार्टमेंट के असिस्टेंट डायरेक्टर कर्मजीत सिंह कहते हैं कि जरूरी नहीं कि सभी तरह की मछली हर तरह के पानी में पल जाए. क्योंकि हर एक मछली की पानी संबंधी जरूरतें होती हैं. झींगा मछली की बात की जाए तो इसके लिए पानी का खारा होना बहुत जरूरी माना जाता है. अगर कोई मछली पालक झींगा पालना चाहता है तो सबसे पहले उसे पानी की जांच करा लेनी चाहिए. जांच के दौरान पानी में कम से कम पांच पीपीटी तक खारापन होना चाहिए. इसके अलावा मैगनिशियम और पौटेशियम भी बहुत जरूरी तत्व हैं. अगर पानी में पौटेशियम नहीं है तो उसे हम पानी में ऊपर से डालकर भी मिला सकते हैं. लेकिन पानी का खारापन तो प्राकृतिक ही होना जरूरी है.

मछली को भी खारे पानी में पाल सकते हैं
वहीं कर्मजीत सिंह कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि खारे पानी में सिर्फ झींगा मछली ही पाली जा सकती है. क्योंकि बहुत सारे लोग ऐसा सोचते हैं कि झींगा के लिए पानी खारा होना चाहिए. जबकि बाजार में झींगा की डिमांड नहीं है या फिर दाम अच्छे नहीं मिल रहे हैं तो ऐसे में उन्हें नुकसान उठाना होगा. उन्होंने कहा कि ये सोच गलत है. क्योंकि खारे पानी में सिर्फ झींगा ही नहीं कई मछलियां भी पाली जा सकती हैं. मछलियों की बहुत सारी ऐसी वैराइटी हैं जो खारे पानी में पाली जाती हैं. इस लिहाज से आप बाजार की डिमांड और रेट के हिसाब से खारे पानी में मछली पालन कर सकते हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Fish Farming,Fish Farming Benefits,Fisheries, Fish pond
मछली पालन

Fish Farming: इन टिप्स को अपनाएं और ठंड में मछलियों को लेकर हो जाएं टेंशन फ्री, पढ़ें डिटेल

तालाब में लगभग पौने दो मीटर तक जलस्तर बनाए रखना जरूरी होता...