नई दिल्ली. गर्मियों में जगह-जगह चारे की कमी हो जाती है. किसानों को बहुत मुश्किल से पशुओं के लिए चारा मिल पाता. ऐसे में पशुओं के लिए पौष्टिक और हरा चारा कहां से लाएं. इसे लेकर पशुपालक बहुत ज्यादा परेशान रहते हैं. कई जिलों में तो प्रशासन अपने स्तर से चारे की कमी को दूर करने क लिए नए-नए तरीके अपनाता है. महाराष्ट्र के लातूर जिले में प्रशासन ने जिले से बाहर चारे के ले जाने पर पाबंदी लगा दी है. ये पाबंदी वहां की डीएम ने लगाई है, जिससे पशुओं के सामने चारे का संकट पैदा न हो सके. वहीं उत्तर प्रदेश के एटा जिले के प्रशासन ने गोशालाओं के लिए भूसा दान में मांगा है, इतना ही नहीं भूसा दान करने वाले को डीएम खुद सम्मानित भी करेंगे.
गर्मी की शुरुआत होते ही जगह-जगह चारे की कमी हो जाती है. पशुओं के सामने आई चारे की समस्या से प्रशासन को भी दो—चार होना पड़ता है. इसलिए वे अपने स्तर से भी गर्मियों में चारेकी समस्या को कम करने के लिए जतन करते हैं. ऐसे ही उत्तर प्रदेश के एटा जिले के प्रशासन ने अभियान छेड़ रखा है. प्रशासन गोशालाओं के लिए भूसा दान में मांग रहा है. इतना ही नहीं लोगों को प्रेरित करने के मकसद से प्रशासन भूसा दान करने वाले लोगों को सम्मानित भी करेगा.
प्रेरित होकर 226 क्विंटल दान किया भूसा
एटा जिले में अलीगंज, मारहरा और निधौली कला के ही छह किसानों ने 226 क्विंटल भूसा दान कर दिया. शुक्रवार को सीवीओ डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि जिले की सभी 23 गोशालाओं में सालभर के लिए भूसे का स्टॉक करने के लिए शासन से निर्देश प्राप्त हुए हैं. शासनादेश के अनुसार भूसा खरीदने के साथ किसानों से भी स्वेच्छा के आधार पर भूसा एकत्रित किया जाना है. इसके लिए सभी ब्लॉक क्षेत्र के किसानों से भूसा दान की अपील की जा रही है. अपील के बाद बीते सोमवार से शुक्रवार तक मारहरा, अलीगंज और निधौलीकला ब्लॉक क्षेत्र के ही कुल छह किसानों ने 226 क्विंटल गेहूं का भूसा दान किया है. उन्होंने बताया कि जो किसान गोवंशों के लिए भूसा दान कर रहे हैं जिलाधिकारी उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करेंगे.
प्रशासन ने खरीदा 19537 क्विंटल भूसा
शुक्रवार को एटा के सीवीओ ने बताया कि जिले की सभी गोशालाओं में संरक्षित 4210 गोवंशों के लिए विभाग के माध्यम से अब तक 19537 क्विंटल भूसा खरीद लिया है. बाकी की खरीद अभी भी की जा रही है. ऐसे में जिले के किसान निराश्रित गोवंशों के लिए बढ़चढ़ कर गेहूं का भूसा दान कर रहे हैं. ऐसे किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए शासन ने आदेश जारी किए हैं. प्रशासनिक अधिकारी भूसा देने वाले किसानों को सम्मानित करेंगे.
लातूर डीएम ने लगाई चारे को दूसरे जिले में ले जाने पर रोक
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लातूर की डीएम पांच अप्रैल-2024 को क्षेत्र में सूखे जैसी स्थिति के बीच चारे की संभावित कमी के मद्देनजर जिले के बाहर चारे के परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया है. अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने औसा, निलंगा, शिरूर अनंतपाल, उदगीर, जलकोट, देवनी, चाकुर और अहमदपुर तालुका के 46 राजस्व क्षेत्रों में सूखे जैसी स्थिति घोषित की है. उन्होंने कहा, कलेक्टर वर्षा ठाकुर-घुगे द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अगले छह महीने (अगस्त तक) तक जिले के बाहर चारे का परिवहन नहीं किया जा सकता है.
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