नई दिल्ली. बकरी पालन एक बेहतरीन व्यवसाय है. जिससे गरीब किसान भी अपनी इनकम को बढ़ा सकते हैं. बकरी को जहां गरीबों की गाय कहा जाता है तो वहीं इसे गरीबों का एटीएम भी कहा जाता है. क्योंकि जब चाहे बकरी का दूध बेचकर इनकम हासिल की जा सकती है. अगर ज्यादा पैसों की जरूरत हुई तो बकरी को बेचकर भी ज्यादा कमाई हो सकती है. इस व्यवसाय को बेहद ही कम पूंजी में भी किया जा सकता है और इससे ज्यादा रिटर्न हासिल किया जा सकता है. जबकि बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जिसे आप 20 से 25 हजार रुपए की पूंजी में भी शुरू कर सकते हैं और बकरी पालन में अच्छा रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि बकरी पालन का काम पांच बकरियों से शुरू किया जा सकता है. इसकी शुरुआत के 5 से 6 महीने के बाद ही आपको इससे रिटर्न मिलना शुरू होता है. बकरियां इतनी ही दिनों में इनकम देना शुरू कर देती हैं.
बकरी पालन करने का फायदा
बकरी पालन की सबसे अच्छी बात यह किसका रखरखाव बेहद ही आसान है. इसका मैनेजमेंट बहुत ही आसानी से किया जा सकता है.
अगर महिलाएं बकरी पालन करना चाहें तो वह भी आसानी से पाल सकती हैं. बुजुर्ग भी बकरी पालन कर सकते हैं. जबकि बच्चों घर के बच्चे भी इसकी देखरेख कर सकते हैं. इसे खाना-पीना दे सकते हैं
बकरी पालन की यह भी खूबी है कि इसे हासिल प्रोडक्ट की डिमांड मार्केट में साल भर बनी रहती है. मसलन, दूध इसका हमेशा बेचा जा सकता है.
वहीं बकरी के बच्चे को आप जब भी बेचना चाहें अच्छी कीमत पर बेच सकते हैं. मुसलमानों के त्योहार बकरीद के मौके पर बकरों की अच्छी खासी कीमत मिलती है.
बकरियों को भी कभी भी कहीं भी बेचा जा सकता है. यही वजह है कि किसान भाइयों के लिए बकरी पालन एक एटीएम के रूप में माना जाता है.
गरीब तबके लोग लोग बकरी पालन को आसानी से कर सकते हैं. इतना ही नहीं सरकारी बकरी पालन के लिए योजनाएं भी चलती हैं. मसलन, 10 बकरियों के पलक में चार लाख रुपये तक का लोन मिल जाता है.
आपको बता दें कि बकरियों को रोजाना उनके वजन के से 3.5 प्रतिशत सूखा और हरा चारा दिया जाता है.
एक वयस्क बकरी को एक से तीन किलो हरा चारा 500 ग्राम से 1 किलो भूसा और 150 ग्राम से 400 ग्राम देना चाहिए होता है.
बकरी को साफ पानी की भी जरूरत होती है. अगर बकरियों को चराने के लिए चारागाह में ले जाते हैं तो इससे बकरी पालन पर आने वाली लागत कम हो जाती है.
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