नई दिल्ली. बकरी अब सिर्फ मीट के लिए नहीं पाली जा रही है बल्कि इसके दूध को बेचकर और ज्यादा कमाई की जा सकती है. एनिमल एक्सपर्ट डॉ. इब्ने अली कहते हैं कि बकरी के दूध में कुछ खास क्वालिटी होती है जो इसे अधिक आकर्षक और इंसानों के लिए बेहतर बनाती है. हाल ही के वर्षों में इसके पोषण और स्वस्थ घटकों को फिर से खोजा गया है. जिसकी वजह से इंसानों के बीच बकरी के दूध की स्वीकृति बढ़ी है. इसी वजह से बकरी की आबादी और बकरी के दूध उत्पादन में एक महत्वपूर्ण ग्रोथ भी देखी गई है. उन्होंने बताया कि बकरी का दूध इंसानों को बेहतर क्वालिटी वाले पशु प्रोटीन, लैक्टोज, हैल्दी फैट, फैटी एसिड, विटामिन और खनिज भी देता है.
बकरी के दूध की मेडिसिन वैल्यू को भारतीय आयुर्वेद और नेपाली आयुर्वेद नेपाली पारंपरिक चिकित्सा में दर्ज किया गया है. बकरी के दूध को टीबी, पेचिश, खांसी और सर्दी और कुछ स्त्री रोग संबंधी बीमारियों से पीड़ित रोगियों के लिए एक प्रभावी आहार बताया गया है. अब तो इसकी खासियत को आम इंसान भी समझ चुका है. जब डेंगू जैसा बुखार फैलता है तो प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए बकरी का दूध बहुत ही कारगर साबित होता है.
नवजात के लिए बेहतरीन है बकरी का दूध
वहीं बच्चों के लिए बकरी का दूध पर्याप्त है और विटामिन ए थियामिन, राइबोफ्लेविन और पैंटोथेनेट की आपूर्ति करता है. हालांकि इसमें विटामिन सी, डी, बी 12, पाइरिडोक्सिन और फोलिक एसिड में कमी होती है. बकरी के दूध को शिशु आहार के लिए उपयुक्त बनाने के लिए फोर्टिफिकेशन द्वारा सही किया जाना चाहिए. बकरी के दूध में लगभग 1 ग्राम फॉस्फेट और 1.2 ग्राम कैल्शियम प्रति लीटर होता है. वहीं मां के दूध में बकरी के दूध की तुलना में कम खनिज होते हैं. बकरी के दूध की रासायनिक संरचना, माध्यमिक प्रोटीन संरचनाएं और अमीनो एसिड प्रोफाइल गाय के दूध से अलग होती हैं, जिससे यह हाइपोएलर्जेनिक हो जाता है. इसके उच्च कार्यात्मक घटकों (Functional components), जैसे प्रोबायोटिक सूक्ष्मजीवों और प्रीबायोटिक रसायनों के कारण, बकरी के दूध का इस्तेमाल विभिन्न उत्पादों में किया जा सकता है. बकरी का दूध अल्सर या कोलाइटिस जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानियों को दूर करने के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
अन्य पशुओं से बेहतर है बकरी का दूध
डॉ. इब्ने अली के मुताबिक बकरी के दूध में गायों और भेड़ के दूध की तुलना में हाई ओलिगोसेकेराइड होता है. यह भेड़ के दूध से 10 गुना अधिक है. हालांकि, ये ऑलिगोसेकेराइड मानव दूध की तुलना में कम मात्रा में पाए जाते हैं. बकरी के दूध के ओलिगोसेकेराइड जो प्रोफाइल होती है उससे ये लगभग मानव दूध की तरह होती है. लैक्टोज-ओलिगोसेकेराइड गाय के दूध की तुलना में बकरी के दूध में बहुत अधिक होता है. मानव दूध के ओलिगोसेकेराइड में प्रीबायोटिक और एंटी-संक्रामक गुण होते हैं जो प्रकृति में बहुत महत्वपूर्ण हैं. बकरी का दूध ओलिगोसेकेराइड भी रोगों से बचाने में कारगर है. बकरी का नवजात बच्चे के दिमाग के विकास और वांछित आंत माइक्रोफ्लोरा के विकास के लिए पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है. इस प्रकार, बकरी का दूध नवजात शिशुओं के लिए मानव जैसे ओलिगोसेकेराइड का एक आकर्षक वैकल्पिक सोर्स होता है.
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