नई दिल्ली. डेयरी व्यवसाय में साफ तरीके से दूध उत्पादन करने की अहमियत बहुत ज्यादा है. अगर पशु बेहतरीन क्वालिटी का दूध दे रहा है लेकिन उसे दुहने में सही तरीके का इस्तेमाल नहीं किया गया तो दूध की क्वालिटी खराब हो सकती है. वहीं दूध पीने वालों को नुकसान भी पहुंचा सकता है. बहुत से पशुपालक दूध को बड़ी-बड़ी डेयरी कंपनियों को बेचते हैं. वहां पर कई तरह की जांच से होकर दूध को गुजरना होता है. अगर क्वालिटी खराब होती है तो दूध का दाम भी सही नहीं मिलता है. डेयरी एक्सपर्ट कहते हैं इसलिए हमेशा ही दूध को सही तरीके से दुहने की आदत बनानी चाहिए.
कई बार दूध में बैक्टीरिया या गंदगी पशुओं के साफ सुथरे न होने की वजह से हो जाती है. जबकि कुछ मामलों में बर्तन के भी साफ न होने से होती है. इसलिए दूध दुहने वाले बर्तन और उसके स्टोरेज का भी खास ख्याल रखना होता है. कैसे उसे स्टोर किया जाए और किस तरह से साफ सफाई की जाए ताकि उसके अंदर जब दूध दुहा जाए तो किसी तरह की बैक्टीरिया आदि उसके अंदर न पहुंचे. इससे दूध का दाम अच्छा मिलता है. जबकि दूध साफ रहता है तो पीने वालों को नुकसान नहीं करता है. इस वजह से नीचे बताई गई बातों का ख्याल रखना बेहद ही जरूरी होता है.
किन बातों का रखना है ख्याल, पढ़ें यहां
- दूध दुहने का बर्तन और दूध के स्टोरेज का बर्तन एसएस 304 की बनावट वाले तथा तेज किनारे रहित होने चाहिए.
- बर्तन तथा स्टोरेज बर्तन ढकने के लिए हमेशा उपयुक्त आकार वाले ढक्कन का प्रयोग किया जाए. ताकि उसके अंदर कोई गंदगी न गिर पाए.
- एक्सपर्ट कहते हैं कि बर्तन के इस्तेमाल के पहले तथा बाद में साफ करके स्वच्छ रखना व सुखाना चाहिए. ताकि बर्तन बैक्टीरिया फ्री हो जाए.
- बर्तन केवल दूध दुहने के लिए ही उपयोग में लाए जाए.
- बर्तन में दूध डालने के पहले दूध को छान लिया जाए.
- दूध एसएस बर्तन, एसएस कैन में रखा जाए.
- बर्तन इत्यादि की भिन्नता के कारण संदूषकों को रोकने के लिए जिस बर्तन में दूध निकाला जा रहा है उसी बर्तन का इस्तेमाल किया जाए.
- बर्तनों को ढकने के लिए हमेशा ही उपयुक्त आकार वाले ढक्कन का इस्तेमाल किया जाए.
- हानिकारक बैक्टीरिया को फैलने से रोकने के लिए दूध दुहने के बाद दूध जल्दी से जल्दी डीसीएस/एमपीआई में लाया जाए.
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