Home पशुपालन Green Fodder: इन 10 तरीकों को अपनाएंगे तो सालभर पशुओं के लिए मौजूद रहेगा हरा चारा
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Green Fodder: इन 10 तरीकों को अपनाएंगे तो सालभर पशुओं के लिए मौजूद रहेगा हरा चारा

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प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. भारत में दुधारू पशुओं को खाने के लिए कंसन्ट्रेट फ्लू खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराया जाता है. जिससे पशुओं को आसानी से पचने वाला पोषक तत्त्व मिलता है. जबकि हरे चारे भी पशुओं को जरूरत होती हे. एक्सपर्ट का कहना है कि हरा चारा दुधारु पशुओं के लिए पोषक तत्त्वों, खास तौर से विटामिनों का महत्वपूर्ण सोर्स होता है. इसलिए हरे चारे की उपलब्ध पूरे साल होनी चाहिए. अगर पशुओं को हरा चारा मिलता रहे तो फिर उनके दूध उत्पादन की क्षमता में कोई कमी नहीं आएगी. जब पशु ज्यादा दूध प्रोड्यूस करेंगे तो इससे पशुपालकों को ज्यादा से ज्यादा इनकम हासिल करने का मौका मिलेगा.

एक्सपर्ट कहते हैं कि हरा चारा आमतौर पर खेतों से हासिल किया जाता है. एनडीडीबी के एक पुराने रिकॉर्ड के मुताबिक लगभग 9.38 मिलियन हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि पर हरा चारा उगाया जाता है. जिससे केवल 40 टन प्रति हेक्टेयर वार्षिक उपज हासिल की जाती है. जो बहुत कम है. भूमि न होने की वजह से चारा उत्पादन नहीं बढ़ा जा पा रहा है. जबकि पशुओं के लिए हरे चारे की डिमांड दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है. चारा उत्पादन बढ़ाने के लिए दो बातों पर अमल किया जा सकता है. उपलब्ध भूमि से हरे चारे का उत्पादन बढ़ाना, वेस्टेज को कम से कम करते हुए चारे की उपलब्धता को बढ़ाना. वहीं एक्सपर्ट के बताए हुए कुछ तरीकों पर भी अमल करके चारा उत्पादन बढ़ाया जा सकता है. आइए के बारे में प्वाइंट में जानते हैं.

  1. अधिक उपज देने वाली प्रजातियां संकर जातियों के उन्नत बीजों का प्रयोग किया जाए.
  2. उत्पादन की एक्सपर्ट द्वारा बताए गए तरीकों अपनाना चाहिए.
  3. उचित फसल चक का उपयोग किया जाना चाहिए.
  4. कम समय वाले चारा फसलों (सूरजमुखी, सरसों, शलजम) को बदलते हुए मौसम के अन्तराल में लगाना चाहिए.
  5. चारे की गुणवत्ता और मिट्टी को उर्वरता को बढ़ाने के लिए दलहनी और अदलहनी फसलों को बदल-बदल कर या मिला कर बोएं.
  6. पूरे वर्ष हरा चारा प्राप्त करने के लिए बहुवर्षीय भासों जैसे संकर नेपियर बाजरा/गिनी घास को 15 से 20 प्रतिशत बुवाई योग्य क्षेत्र में लगाएं.
  7. चारे को कम उपलब्ध वालो अवधि के दौरान, चारा प्राप्ति हेतु फार्म की चारदीवारी पर चारे के वृक्षों/झाड़ियों को लगाएं.
  8. अधिकतम पोषक तत्त्व प्राप्त करने के लिए चारे को उपयुक्त अवस्था में काटें.
  9. कमी के दौरान हरे चारे की उपलब्धता को सुनिश्चित करने एवं बचे हरे चारे को नुकसान से बचाने के लिये और साइलेज बनाने के लिए मार्डन मेथड का प्रयोग करें.
  10. चारा की बर्बादी कम-से-कम करने के लिए कुट्टी काटने की मशीन का इस्तेमाल करें.

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