Home पशुपालन Animal Husbandry: कृत्रिम गर्भाधान से सिर्फ फायदा चाहते हैं तो इन बातों का जरूर रखें ख्याल
पशुपालन

Animal Husbandry: कृत्रिम गर्भाधान से सिर्फ फायदा चाहते हैं तो इन बातों का जरूर रखें ख्याल

animal husbandry
कृत्रिम गर्भाधान करते हुए पशु चिकित्सक.

नई दिल्ली. एनिमल एक्सपर्ट हमेशा हही प्राकृतिक गर्भाधान की जगह कृत्रिम गर्भाधान को कराने की सलाह पशुपालकों को देते हैं. जबकि इसके कई फायदे भी गिनाते हैं. हालांकि इसके साथ ही कुछ बातों का खास ध्यान भी दिया जाता है. अगर ऐसा न किया जाए तो कृत्रिम गर्भाधान के फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है. कृत्रिम गर्भाधान तकनीक द्वारा अच्छी नस्ल वाले सांड को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जा सकता है. प्राकृतिक विधि में एक सांड़ एक वर्ष में 50-60 गाय या भैंसों को गर्भित कर सकता है लेकिन कृत्रिम गर्भाधान से एक सांड़ के सीमन से एक वर्ष में हजारों की संख्या में गायों या भैंसों को गर्भित किया जा सकता है.

एक्सपर्ट का कहना है कि इस विधि में पैसों एवं श्रम की बचत होती .है क्योंकि पशु पालक को साँड़ पालने की जरूरत नहीं होती है. कृत्रिम गर्भाधान में बहुत दूर यहां तक कि विदेशों में रखे उत्तम नस्ल व गुणों वाले सांड़ के सीमन को भी गाय व भैंसों में प्रयोग करके लाभ उठाया जा सकता है. वहीं सांड़ के सीमन को उसकी मृत्यु के बाद भी प्रयोग किया जा सकता है. इस विधि में उत्तम गुणों वाले बूढ़े या घायल सांड़ का प्रयोग भी प्रजनन के लिए किया जा सकता है.

रिकॉर्ड रखने में होती है आसासनी
एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो सांड़ के आकार या भार का मादा के गर्भाधान के समय कोई फर्क नहीं पड़ता है. इस विधि में विकलांग गायों और भैसों का प्रयोग भी प्रजनन के लिए किया जा सकता है. कृत्रिम गर्भाधान के जरिए नर से मादा तथा मादा से नर में फैलने वाले संक्रामक रोगों से बचा जा सकता है. इस विधि में सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है जिससे मादा की प्रजनन की बीमारियों में काफी हद तक कमी आजाती है तथा गर्भ धारण करने की दर भी बढ़ जाती है. वहीं इस विधि में पशु का प्रजनन रिकार्ड रखने में भी आसानी होती है.

कृत्रिम गर्भाधान से हो सकता है नुकसान
कृत्रिम गर्भाधान के कई फायदे होने के बावजूद इस विधि की अपनी कुछ सीमायें हैं जो यहां बताई जा रही हैं. इसके लिए प्रशिक्षित व्यक्ति या पशु चिकित्सक की जरूरत होती है और कृत्रिम गर्भाधान तक्नीशियन को मादा पशु प्रजनन अंगों की जानकारी होना आवश्यक है. इस विधि में विशेष मशीनों की आवश्यकता होती है. वहीं असावधानी वरतने तथा सफाई का विशेष ध्यान न रखने से गर्भ धारण की दर में कमी आ जाती है. इस विधि में यदि पूरी तरह से सावधानी न बरती जाये तो दूर इलाकों क्षेत्रों अथवा विदेशों में सीमन के साथ कई संक्रामक बीमारियों के आने का भी खतरा रहा है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

bull breed, cow breed, breeder, bull breeder, cow milk,
पशुपालन

Animal Husbandry: ब्रीडर सांड की ऐसे की देखभाल तो AI के लिए हजारों रुपये का बिकेगा सीमेन

इसके लिए जरूरी है कि ब्रीडर सांड की अच्छी तरह से देखरेख...