नई दिल्ली. मीट व्यापार मौजूदा दौर में मांस उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करने के बढ़ते दबाव का सामना कर रहा है. दरअसल, हाई न्यूट्रीशिनल वैल्यू और स्वास्थ्य लाभ के मांस और मांस प्रोडक्ट अब उपभोक्ताओं की मांग बहुत ज्यादा आ रही है. इसको देखते हुए मीट कारोबार थोड़ा मुश्किल होता जा रहा है. क्योंकि पशुओं को भरपूर पोषक तत्व नहीं मिल पा रहा है और इसका असर मीट पर दिखता है. हालांकि एक्टसपर्ट का कहना है कि पशुओं को अगर कुछ ऐसी चीजें खिलाई जाएं जो मीट जिसके अंदर मीट की क्वालिटी में सुधार गरने के गुण हों तो फिर मीट कारोबार और ज्यादा ग्रो हा जाएगा.
एक्सपर्ट कहते हैं कि कच्चे मांस उद्योग को लिपिड ऑक्सीकरण के कारण बड़े आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है. क्योंकि हीम आयरन प्रो-ऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता हैं जो उम्र बढ़ने, प्रसंस्करण और भंडारण के दौरान ऑक्सीकरण की सुविधा देता हैं जिससे उपभोक्ताओं स्वीकार नहीं करते हैं. मांसपेशियों की एंटीऑक्सीडेंट स्थिति मांस में ऑक्सीडेटिव गिरावट से बचने में मदद करती हैं और मांस की गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद करती हैं.
एंटीऑक्सिडेंट के क्या हैं फायदे
एंटीऑक्सिडेंट कमपाउंड होते हैं जो रिएक्टिव ऑक्सीजन प्रजातियों (आर. ओ. एस.) और अन्य मुक्त कणों के हानिकारक प्रभावों को रोकने या बेअसर करने में सक्षम होते हैं. जिससे कोशिकाओं और टिश्यूज को ऑक्सीडेटिव नुकसान से बचाया जा सकता हैं. आरओएस और अन्य मुक्त कणों के संचय से सेलुलर नुकसान, बिगड़ा हुआ शारीरिक कार्य और पुरानी बीमारियों का विकास हो सकता है. एंटीऑक्सिडेंट, मांस उत्पादों में लिपिड ऑक्सीडेशन को रोकते हैं जो बासीपन और बेस्वाद का एक प्रमुख कारण हैं. इसके अतिरिक्त, एंटीऑक्सिडेंट मांस के रंग की स्थिरता, बनावट और कोमलता में सुधार कर सकते हैं, जो महत्वपूर्ण गुण हैं जो मांस उत्पादों की संवेदी गुणवत्ता और मूल्य को प्रभावित करते हैं.
पशु की हेल्थ के लिए भी है बेहतर
एक्सपर्ट कहते हैं कि एंटीऑक्सिडेंट विभिन्न स्रोतों से प्राप्त किए जा सकते हैं, जिनमें आहार पूरक, पौधों के अर्क और कृषि-अपशिष्ट शामिल हैं. कृषि-वेस्टेज, कृषि उत्पादन के उप-उत्पाद हैं जो कृषि उत्पादों के प्रोसेसिंग और डेवलपमेंट के दौरान उत्पन्न होते हैं जिनका का उत्पादन मुख्य उत्पाद के प्रकार पर निर्भर करता है. ये वेस्टेज अक्सर पॉलीफेनोल्स, फ्लेवोनोइड्स, कैरोटीनॉयड्स और टोकोफेरोल्स जैसे बायोएक्टिव कमपाउंड्स से भरपूर होते हैं, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं. पशुओं के चारे के लिए एंटीऑक्सिडेंट के स्रोत के रूप में इकृषि-अपशिष्ट का उपयोग पशु स्वास्थ्य और उत्पादकता में सुधार के साथ-साथ अपशिष्ट और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने सहित कई लाभ प्रदान कर सकता हैं.
किन-किन वेस्टेज से होगा फायदा
क्रमांक, फल/सब्जियां, अवशेष, अपशिष्ट का प्रतिशत, | |
1 सेब छिलका, खली, बीज 25 | |
2. आम छिलका, बीज 45 | |
3. सिट्रस छिलके, चीर, बीज 50 | |
4. टमाटर छिलका, कोर, बीज 20 | |
5. अनानस छिलका, कोर 33 | |
6. अंगूर तना, छिलका, बीज 20 | |
7. अमरूद छिलका, कोर, बीज 10 | |
8. आलू छिलका 15 | |
9. मटर छिलका 40 | |
10. केला छिलका 35 |
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