Home मीट Meat: दुनिया के 70 देशों में पसंद किया जाता है भारत का बोनलेस मीट, 12 लाख टन पर पहुंचा एक्सपोर्ट
मीट

Meat: दुनिया के 70 देशों में पसंद किया जाता है भारत का बोनलेस मीट, 12 लाख टन पर पहुंचा एक्सपोर्ट

boneless meat export
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. जिस कोरोना-लॉकडाउन ने दुनिया के बाजारों को हिलाकर रख दिया. बड़ी-बड़ी कंपनियों पर ताला लग गया. उस दौर में भी भारत के बोनलेस मीट एक्सपोर्ट पर मामूली असर ही देखने को मिला था. आज दुनिया के 70 से ज्या दा देशों में भारत से भैंस का बोनलेस मीट एक्सदपोर्ट किया जाता है. मौका मिलते ही हमारा पड़ोसी और दुश्म न मुल्कप पाकिस्ता्न भी भैंस का मीट चखने से पीछे नहीं रहता है. कोरोना के बावजूद बीते तीन साल में मीट एक्सपपोर्ट में 90 हजार टन से ज्या दा का इजाफा हुआ है. भारत का बफैलों मीट एक्संपोर्ट में चौथा नंबर है.

इतना ही नहीं जबकि सभी तरह के मीट उत्पाादन में भारत का दुनिया में आठवां स्थान है. विश्व के कुल मीट एक्स पोर्ट में भारत की हिस्सेतदारी 40 फीसद से ज्यादा है. केन्द्र सरकार की नीतियों ने मीट एक्सएपोर्ट को और रफ्तार दी है. साउथ-ईस्ट और वेस्टा एशियाई देश भारतीय मीट के बड़े खरीदारों में शामिल हैं. मलेशिया, वियतनाम, इराक, इजिप्ट और इंडोनेशिया कुल एक्स पोर्ट के 50 फीसद से ज्यामदा के खरीदार है. गौरतलब रहे कि वियतनाम भारतीय मीट का बड़ा ट्रांजिट पाइंट है.

लगातार आ रही डिमांड
भारत के बफैलो बोनलेस मीट को पंसद करने वालों की फेहरिस्त हर साल लम्बी होती जा रही है. एकसपोर्ट का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. यहां तक की जब कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते एक्सआपोर्ट का यही आंकड़ा जब नीचे चला गया था तो बीमारी से उबरते ही आंकड़े ने फिर से रफ्तार पकड़ कर ली. साल 2019-20 में भारत से 11.52 लाख टन बफैलो मीट एक्स.पोर्ट हुआ था. लेकिन कोरोना के चलते और ट्रांसपोर्टेशन पर लॉकडाउन की बंदिशों की वजह से एक्सकपोर्ट का आंकड़ा साल 2020-21 में 10.85 लाख टन पर आ गया.

2023 तक इतना बढ़ा आंकड़ा
हालांकि 67 हजार टन की गिरावट कोई बहुत बड़ी गिरावट नहीं थी. क्यों्कि जैसे ही कोरोना-लॉकडाउनकी बंदिशों से राहत मिली तो दो साल में ही एक्सपोर्ट का आंकड़ा साल 2021-22 में 11.75 लाख टन और 2022-23 में 11.76 लाख टन पर पहुंच गया. हालांकि बहुत सारे मीट एक्सशपोर्टर इस आंकड़े को भी बहुत अच्छा नहीं मानते हैं. उनका कहना है कि कुछ घरेलू परेशानियों के कई साल से लगातार मीट एकसपोर्ट में कमी आ रही है. क्योंककि साल 2018-19 में 12.36 लाख टन और 2017-18 में 13.50 लाख टन मीट एक्स पोर्ट हुआ था.

25 फीसदी तक गिरावट आई
मौजूदा वक्त में घरेलू परेशानियों और इंटरनेशनल लेवल पर डालर की कमी के चलते मीट एक्सपोर्ट पर संकट खड़ा हो गया है. इस साल की पहली छमाही में ही मीट एक्सएपोर्ट में बड़ी गिरावट देखी जा रही है. एक मीट एक्सपोर्टर ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि पहली छमाही में मीट एक्सरपोर्ट में 20 से 25 फीसद तक की गिरावट आई है. इराक और इजिप्ट में डालर की कमी है. डालर की कमी ने मीट एक्सकपोर्ट को बहुत प्रभावित किया है. वहीं देश में पशुओं को ट्रांसपोर्ट करने के दौरान सड़कों पर आ रही मारपीट की घटनाओं के चलते कच्चेट माल की कमी भी सामने आ रही है.

इन दिक्कतों के कारण कम हुआ एक्सपोर्ट
बेशक चीन बफैलो मीट एक्संपोर्ट में पहले नंबर पर है. लेकिन मीट की कटिंग और उसके स्वाद के चलते भारत का बोनलेस बफैलो मीट दुनिया के 70 से ज्यादा देशों में पंसद किया जाता है. यूपी बफैलो मीट उत्पाादन और एक्समपोर्ट में पहले नंबर पर है. लेकिन कुछ देशों में डालर की कमी और पशुपालकों के साथ मारपीट जैसी घरेलू परेशानियों के चलते इस साल पहली छमाही में मीट एक्सापोर्ट कम हुआ है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

boneless meat export
मीट

Meat: मीट को बीमारी रहित बनाने के लिए पशु शेड से लेकर स्लाटर हाउस तक होंगे ये 22 काम

एक्सपर्ट का कहना है कि अगर इन नुकसानों से बचना है तो...

mutton, livestock
मीट

Meat: मीट बेचने के लिए अब इन नियमों का करना होगा पालन, पढ़ें डिटेल

मांस प्रोडक्ट चाहे ताजा हो या फिर ठंडा किया हुआ हेल्दी, साफ,...

buffalo meat, Availability Of Meat Per Capita, Meat Export, Meat Product, MEAT PRODUCTION
मीट

Meat Export: मिस्र अब भारत से इस शर्त पर इंपोर्ट करेगा मीट, हलाल से जुड़ा है मामला, पढ़ें डिटेल

मिस्र में हलाल मीट का सर्टिफिकेशन करने वाली एजेंसी को आईएसईजी कहा...