नई दिल्ली. जम्मू कश्मीर में फिलहाल बर्फबारी और बारिश नहीं हो रही है लेकिन ठंड से अभी भी यहां रहता नहीं मिली है. जिसके चलते कई क्षेत्रों का अधिकतम तापमान दिन में औसतन 20 डिग्री तक रह रहा है. जबकि न्यूनतम तापमान 5 से 10 डिग्री के बीच रह रहा है. इसके चलते खेतों के साथ-साथ पशुओं का भी ख्याल रखना जरूरी होता है. ताकि किसानों को किसी तरह के नुकसान का सामना न करना पड़े. जम्मू कश्मीर के किसानों को लेकर भारत मौसम विज्ञान विभाग आईएमडी की तरफ से सलाह जारी की गई है. जिसमें कहा गया है कि किसान अपने पालतू पशुओं जैसे गाय, बकरी आदि का अच्छे से ख्याल रखें.
सलाह में कहां गया है कि अधिक ठंड लगने से मौत हो सकती है. पशु बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं. इससे पशुपलकों को बड़ा नुकसान होने का खतरा रहता है. गायों को लेकर जारी सलाह में कहा गया कि तापमान कम रहने की वजह से पशुओं में पाचन संबंधी रोग होने की संभावना रहती है. इसलिए ठंड में पशुओं को उचित आहार देना जरूरी है. उनके खाने में मिनरल्स की उचित मात्रा देनी चाहिए. सही भोजन नहीं मिलने पर गायों को मिल्क फीवर और हाइपोमैग्नेसिमिया हो सकता है.
कैलिश्यम और और मैग्नीशियम की खुराक जरूर दें
दुधारू पशुओं को आहार में खासकर कैल्शियम और मैग्नीशियम की खुराक जरूर देनी चाहिए. गाय को थनैला रोग से बचने के लिए उनके बैठने की जगह को साफ रखना चाहिए. साथ ही उनके थन को हमेशा साफ सुथरा रखें. गायों को ठंड से बचने के लिए उन्हें धूप निकलने पर बाहर ले जाएं और पीने के लिए गुनगुना पानी दें. इसके साथ ही दूध की पैदावार बढ़ाने के लिए पशुओं में पर्याप्त मात्रा मिलने से खिलाएं.
बछड़ों का इस तरह रखें ख्याल
इस ठंड में भेड़ बकरी और गाय के नवजात बछड़ों का खास ख्याल रखना चाहिए. ठंड में उन्हें बड़ा नुकसान होता है. नवजात को हाइपोथर्मिया रोग हो जाता है. इसे बचाने के लिए उन्हें गर्म जगह पर रखना चाहिए. गर्माहट प्रदान करना चाहिए. ठंड लगने के कारण बछड़ों को सांस लेने में तकलीफ होती है और उनकी मौत भी हो सकती है. इसलिए विशेष देखभाल की जरूरत होती है. साथ ही किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए साफ जगह रखना चाहिए. उन्हें अच्छी हवादार जगह पर रखें और पीने के लिए साफ और गुनगुना पानी दें. साथ में खाने में हल्का नमक भी देना चाहिए.
ज्यादा अनाज नहीं देना चाहिए
भेड़ व बकरियां में ग्लूकोज की कमी की वजह से गर्भावस्था के दौरान टॉक्सिमिया हो सकता है. इससे रोकथाम के लिए पर्याप्त पोषण दिया जाना चाहिए. उसके साथ ही भेड़ व बकरियों में गैस की समस्या हो जाती है. इससे बचाव के लिए खाने में अतिरिक्त अनाज पशुओं को नहीं देना चाहिए. उनके सही खान-पान पर ध्यान दें. पीने के लिए गुनगुना पानी दें. ठंड और डिहाइड्रेशन से बचने के लिए झुंड में रखें. इन सलाहों का पालन करके पशुपालक ठंड से होने वाली परेशानियों से पशुओं को बचा सकते हैं.
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