Home पशुपालन Animal News: मार्च में पशुपालकों क्या-क्या करना चाहिए, जानें यहां
पशुपालन

Animal News: मार्च में पशुपालकों क्या-क्या करना चाहिए, जानें यहां

पशु को पानी से भरे गड्ढे में रखना चाहिए या पूरे शरीर को ठंडा पानी का छिड़काव करते रहना चाहिए. शरीर के तापमान को कम करने वाली औषधि का प्रयोग भी कर सकते हैं.
पानी में खड़ी भैंसों की तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुपालन से आप खूब कमाई कर सकते हैं, बशर्ते पशुओं की सही तरह से देखभाल करना आनी चाहिए. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि पशुपालन बेहतरीन काम है और इससे किसान अपनी इनकम को डबल कर सकते हैं, लेकिन पशुपालन में तमाम तरह की जानकारी होनी चाहिए. मसलन, मौसम के लिहाज से पशुओं की जरूरत होती है, उनकी देखरेख का तरीका बदल जाता है. अगर इन बातों की जानकारी पशुपालक भाइयों को हो गई तो वो पशुओं से अच्छा उत्पादन ले सकते हैं और इससे उन्हें बेहतर आमदनी कमाने का मौका मिले सकता है.

एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि जब ठंड आती है, तब पशुओं का दूसरी तरह से ख्याल रखा जाता है, जबकि गर्मी आने पर उनकी देखरेख का तरीका बदल जाता है. अभी मार्च का महीना चल रहा है, ऐसे में सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है कि इस महीने में और आने वाले वक्त में पशुओं की देखभाल किस तरह से की जाए कि उनके उत्पादन पर कोई असर न पड़े. जबकि उनकी सेहत भी बेहतर रहे. एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि सेहत अच्छी रहने से पशु बीमार नहीं पड़ते हैं. इसलिए पशुपालन की कास्ट भी इससे कम हो जाती है. अगर आप इस बारे में जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें. ताकि

मार्च में ध्यान देने वाली बातें

  • इस माह से गर्मी में होने वाले रोगों के प्रति सावधानी रखनी होगी. क्योंकि ये बीमारियां पशुओं को परेशान कर सकती हैं.
  • यदि मच्छर, मक्खी, चींचड़, आदि, जीवों की संख्या में इजाफा हो रहा हो, तो इनसे फैलने वाले रोगों से बचाव करना बेहद ही जरूरी काम है.
  • आने वाले समय में पशुओं में बांझपन एवं फुराव (Johne’s disease), आदि रोग भी होते हैं, अतः ऐसे में पशुओं की तुरन्त इलाज करवाएं.
  • यदि दूध उत्पादन में कमी हो रही हो, तो पशु चिकित्सक द्वारा दूध और पेशाब, दोनों की जांच जरूर से करवा लेनी चाहिए.
  • पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करने के लिए बरसीम रिजका एवं जई की सिंचाइ 10 दिन एवं 12-14 दिन क्रमशः के गैप पर करें.
  • गर्मी में हरे चारे की जरूरत होती है. इसके लिए मक्का, बाजरा और ज्वार की बुवाई करें.
  • सभी मौसम में होने वाला चारा घास जैसे हाईब्रिड नेपियर, गिनी घास, इत्यादि की रोपाई पहले से तैयार खेतों में करें.
  • गर्मी के दिनों में हरे चारे की कमी हो जाती है. इसलिए इस महीने में हरे चारे की जगह इस्तेमाल में लिए जाने वाले साइलेज को तैयार करें.
  • ब्याने वाले पशुओं को प्रसूति बुखार (Puerperal Fever) से बचाने के लिए मिनरल मिक्सचर 50-60 ग्राम प्रतिदिन दें.

Written by
Livestock Animal News Team

Livestock Animal News is India’s premier livestock awareness portal dedicated to reliable and timely information.Every news article is thoroughly verified and curated by highly experienced authors and industry experts.

Related Articles

तोतापरी की बकरी के पालन में बहुत ही कम लागत आती है. तोतापुरी या तोतापरी बकरी कम लागत में पालकर मोटी कमाई की जा सकती है.
पशुपालन

Goat Farming: बकरी को हींग का पानी पिलाने के क्या हैं फायदे, पढ़ें यहां

नई दिल्ली. पशुपालन में कई ऐसे देसी नुस्खे भी अपनाए जाते हैं...

livestock animal news
पशुपालन

Goat Farming Tips: बकरियों को लग गई है ठंड तो 24 घंटे में मिल जाएगी राहत, करें ये काम

नई दिल्ली. ठंड की शुरुआत हो चुकी है ऐसे में पशुओं को...

ppr disease in goat
पशुपालन

Goat Farming: किस नस्ल की बकरी पालें, जिससे हो ज्यादा कमाई, जानें यहां

नई दिल्ली. बकरी पालन का व्यवसाय एक ऐसा काम है, जिससे आप...