नई दिल्ली. दुनियाभर में भारत से मीट का एक्सपार्ट हो रहा है. यही वजह है कि मीट प्रोडक्शन ने भी क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाई है. एक्सपोर्ट के मामलों के जानकार कहते हैं कि साल 2021 में कोरोना-लॉकडाउन के बावजूद मीट का प्रोडक्शन बढ़ना अच्छा सकेंत रहा है. वहीं केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2021-22 में मीट प्रोडक्शन में पांच लाख टन की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि इसमें सबसे ज्यादा जिस मीट की डिमांड हो रही है वो है चिकन. वहीं भैंस, बकरी और कैटल आदि के मीट एक्सपोर्ट में गिरावट दर्ज की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक भेड़ के मीट में मामूली बढ़त दर्ज की गई है. जबकि प्रति व्यक्ति के हिस्से में आने वाले मीट की मात्रा में भी इजाफा हुआ है. चिकन की डिमांड आने से पोल्ट्री कारोबारियों में खुशी है.
मीट उत्पादन पर गौर किया जाए तो देश में सभी तरह के पशुओं का कुल मीट उत्पादन 9.29 मिलियन टन होता है. इसमें सबसे ज्यादा मीट उत्पादन महाराष्ट्र, यूपी, तेलंगाना, आंध्रा प्रदेश और पश्चिम बंगाल में किया जाता है. मंत्रालय की ओर से जारी की गई रिपोर्ट पर गौर किया जाए तो इससे पता चलता है कि कुल मीट उत्पादन में बकरे-बकरियों के मीट का 13.63 फीसदी और भेड़ के मीट का योगदान 10.33 फीसदी है. वहीं यह आंकड़ा साल 2021-22 का है. जबकि साल 2020-21 में मीट उत्पाादन 8.80 मिलियन टन ही था. मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़े से भी पता चलता है कि हर साल मीट के शौकीनों की थाली में मीट की मात्रा बढ़ना अच्छा संकेत है. इसमें से बड़ी मात्रा में मीट एक्सपोर्ट भी हो रहा है. 2015-16 की बात की जाए तो तब प्रति व्यक्ति के हिस्से में एक साल में 5.52 किलो मीट आ रहा था लेकिन साल 2021-22 में मीट की यह मात्रा बढ़कर 6.82 किलो तक पहुंच गई है.
एक साल में खा गए 350 करोड़ मुर्गे
पोल्ट्री कारोबार से जुड़े एक्सपर्ट अनिल शाक्य कहते हैं कि साल 2021-22 में 350 करोड़ से ज्यादा ब्रॉयलर मुर्गे का चिकन की खपत हुई थी. मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 2021-22 में 48 लाख टन चिकन खाया गया था. वहीं हर साल चिकन की डिमांड में 10 फीसद तक की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. जबकि ब्रॉयलर मीट में अमेरिका पहले और भारत 8वें स्थान पर हैं. गाजीपुर, दिल्ली मंडी से रोजाना 5 लाख ब्रॉयलर मुर्गों की सप्लाई होती है.
यहां पढ़ें देश में मीट प्रोडक्शन के आंकड़े
देश के कुल मीट उत्पादन में चिकन की हिस्सेदारी
2019-20 में 50.50 फीसद.
2020-21 में 50.84 फीसद.
2021-22 में 51.44 फीसद.
देश के कुल मीट उत्पादन में भैंस की हिस्सेदारी
2019-20 में 18.43 फीसद.
2020-21 में 17.97 फीसद.
2021-22 में 17.49 फीसद.
देश के कुल मीट उत्पादन में बकरे की हिस्सेदारी
2019-20 में 13.72 फीसद.
2020-21 में 13.78 फीसद.
2021-22 में 13.63 फीसद.
देश के कुल मीट उत्पादन में भेड़ की हिस्सेदारी
2019-20 में 8.94 फीसद.
2020-21 में 10.04 फीसद.
2021-22 में 10.33 फीसद.
देश के कुल मीट उत्पादन में कैटल की हिस्सेदारी
2019-20 में 3.59 फीसद.
2020-21 में 3.31 फीसद.
2021-22 में 3.18 फीसद.
देश के कुल मीट उत्पादन में सूकर की हिस्सेदारी
2019-20 में 4.82 फीसद.
2020-21 में 4.06 फीसद.
2021-22 में 3.93 फीसद.
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