नई दिल्ली. पशु पालकों की एक समस्या ये रहती है कि उनकी भैंस का प्रोडक्शन अच्छा नहीं है. जबकि वो अपनी भैंस को अच्छे से अच्छा फीड भी खिला रहे हैं और कई बार एक्सपर्ट की सलाह भी लेते हैं और फिर भी प्रोडक्शन नहीं बढ़ पाता है. जबकि दूसरी ओर हरिणाया के रहने वाले प्रदीप नाम के पशु पालक के पास एक भैंस है जिसका नाम धन्नो है, वो 30 लीटर दूध का प्रोडक्शन करती है. हो सकता है आपको ये पढ़कर यकीन न हो लेकिन पशु पालक प्रदीप का कहना है कि ये उन्होंने पॉसिबल करके दिखाया है.
फीड में क्या-क्या डाल सकते हैं
प्रदीप का कहना है कि गाय के साथ अच्छी बात ये है कि वो कोई भी फीड को ले लेती है. लेकिन भैंस चूजी एनिमल है. ये अपनी पसंद से ही फूड खाती है. इसलिए भैंस मालिक को ये समझना होगा कि भैंस जो सबसे ज्यादा चाव से खाती है उसे वही चीज खिलाएं. जिससे उसका प्रोडक्शन बढे जाए. उन्होंने कहा कि फीड के लिए बारीक दाल लाते हैं. जिसे लोग पसंद नहीं करते हैं, उसे मोटा पीस लेते हैं, इसमें चने का छिलका मिला लेते हैं. जिससे दलिया तैयार हो जाती है. दालों का चूरा चने की दाल, चने की चूरी भी मिलाते हैं.
राजस्थानी बाजरा है पहली पसंद
फीड के तौर पर उन्होंने राजस्थानी बाजरा अपनी पहली पसंद बताया है. बताया कि यहां का बाजरा मोटा पीसकर देता हूं. क्योंकि यहां के बाजरे की खासियत है कि इसमें खाद और स्प्रे का इस्तेमाल नहीं होता है. बरसात के पानी से वहां का बजरा होता है. यहां भी होता है लेकिन हाईब्रिड होता है. वहां का बारीक दाना होता है. हमारे लोकल एरिया का बाजरा मोटा होता है. इसे खिलाने से दूध घटता है लेकिन राजस्थान का बाजरा खिलाने से दूध बढ़ जाता है. गर्मी में बाजरे की जगह गेहूं डाल देते हैं.
भैंस को जो पसंद है वही खिलाएं
उन्होंने बताया कि पशु पालक को सबसे पहले अपनी भैंस को समय देना चाहिए. ये देखें कि वो क्या पसंद करती है. गुड़ को पसंद करती है या काढ़ा पसंद करती है. कुछ भैंस सूखे गुड़ को पसंद करती हैं. कुछ भैंस सरसों का तेल पसंद करती हैं कुछ का प्रोडक्शन इससे घट जाता है. सरसों का तेल से जिस भैंस का प्रोडक्शन घट जाता है, उसका प्रोडक्शन देशी घी से बढ़ जाता है. गाय को भैंस का और भैंस को गाय का देशी घी देना चाहिए. बताया कि दाना में मेथी मिला दिया जाए तो भैंस इसे खाना पसंद करती है. डेढ सौ ग्राम दाना के अंदर मिलाकर खिलाता हूं.
गर्म पानी में उबालकर दें
मैं फीड को गर्म पानी में उबालकर खिलाता हूं. टब में उबलता पानी में डाल देना हूं और उसी में फीड भी डाल देता हूं. मैं लकड़ी से हिलाता हूं और बहुत से लोग हाथ से मिला देते हैं. इसके चलते भैंस पसीने की स्मेल से नहीं खाती है. इसलिए लड़की का डंडा होना चाहिए हिलाने के लिए. इसके बाद दाना पके की तरह हो जाता है. उबालने से कई बार नीचे का दाना चिकप जाता है और जल जाता है. जलने की स्मेल से पशु नहीं खाता है. पशु जब खाएगा तो दूध देगा. मिनरल मिक्चर रोज खिलाता हूं. दाने में डालकर खिलादो तो भैंस खा लेती है. कैल्शियम पिलाता रहता हूं. हफ्ते में एक बार लीवर टॉनिक भी देता हूं.
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