नई दिल्ली. आज देश में किसान पशुपालन कर डेयरी व्यवसाय में भी मेहनत कर रहे हैं और अपनी आमदनी को बढ़ा रहे हैं. किसानों के लिए सरकार भी डेरी उद्योग में कई सारी योजनाएं संचालित कर रही हैं, जिनसे उन्हें फायदा भी हो रहा है. किसान अपनी आमदनी को बढ़ाने के लिए कई सारे डेयरी प्लेटफार्म से जुड़े हुए हैं. जिनको सीधा दूध देकर वह अच्छी आय कमा रहे रहे हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किसानों की आय को बढ़ाने के वादे किए थे, जिसमें फसल के साथ-साथ कई और तरीके जैसे, पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन, डेयरी आदि करने के उन्हें सुझाव दिए गए थे. अब डेयरी से जुड़कर ज्यादातर किसान दूध का उत्पादन कर रहे हैं. शहर हो या फिर देहात हर जगह दूध की मांग बढ़ रही है. मध्य प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री लखन पटेल ने एक कार्यक्रम में जानकारी देते हुए बताया कि 2024 में कामधेनु वर्ष मनाया गया. अब एनडीडीबी के साथ एमओयू साइन किया गया है.
मंत्री लखन पटेल ने बताया, कि अभी तक एमपी में छह हजार दुग्ध उत्पादक समितियां हैं जिनसे करीब ढाई लाख किसानों का दूध रोजाना लिया जाता है. अभी करीब 10 लाख लीटर दूध का कलेक्शन रोजाना होता है. अब एनडीडीबी के साथ एमओयू साइन किया गया है. जिसके बाद हम लगभग 9000 समितियां तक पहुंच जाएंगे. जैसा पीएम मोदी ने वादा किया था, वैसा ही किया जा रहा है. किसानों की इनकम को बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है.
20 लाख लीटर होगा दूध का कलेक्शन: मंत्री लखन पटेल ने बताया, कि एमओयू साइन करने के बाद अब तक जो 10 लाख लीटर दूध इकट्ठा किया जा रहा है, वो आगे बढ़कर करीब 20 लाख लीटर तक पहुंचाने का काम किया जाएगा. आने वाले 5 साल तक ये अनुबंध किया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सांची एक ब्रांड है और यह रहेगा. मजबूतीकरण करने के लिए और उसको नए तरीके से चलने के लिए एमओयू साइन किया गया है.
प्रदेश में आएगी दुग्ध क्रांति: लखन पटेल ने कहा कि इस एमओयू से प्रदेश में दुग्ध क्रांति आएगी, साथ ही किसान की आय दोगुनी करने का भी काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है किसान की आय दोगुनी करनी है, उसी तरीके से एग्रीकल्चर प्रोड्यूस को अधिक मात्रा में पैदा करके उसे दुग्ध उत्पादन को भी जोड़कर किसान की आय को दोगुनी करने का काम किया जाएगा.
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