नई दिल्ली. . पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस भाषण के बाद नमो ड्रोन दीदी योजना को लांच किया था. इस योजना का लक्ष्य पूरे भारत में कम से कम 15 हजार ज्यादा महिलाओं को ड्रोन दीदी के रूप में ड्रोन चलाने ट्रेनिंग देना है. मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाली महिलाओं को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग प्रदान करना इस योजना का अहम मकसद है. इससे महिलाओं को कृषि में बढ़ावा देने की बात सरकार की ओर से कही गई और योजना से महिलाओं की कृषि में हिस्सेदारी बढ़ाने का भी दावा किया गया है.
ये महिलाएं ले सकती हैं ट्रेनिंग
इस योजना का ज्यादातर महिलाएं फायदा उठा सकें, इसलिए सरकार ने बहुत ही मामूली योग्यता रखी है. इस योजना के लिए कोई भी महिला अप्लाई कर सकती है, जिसने दसवीं पास की हो. जबकि उसकी उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए. साथ ही महिला शारीरिक रूप से स्वस्थ हो और स्वयं सहायता समूह की सदस्य हो.
ट्रेनिंग कंप्लीट कर ली
जो जानकारी निकाल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक 300 महिलाओं ने इंडियन फार्मर फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव इफको द्वारा गुड़गांव की ट्रेनिंग कंपनी ड्रोन डेस्टिनेशन के सहयोग से ट्रेनिंग हासिल कर ली है. जिसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और कई अन्य राज्यों की महिलाओं ने ड्रोन पायलट के रूप में अपनी ट्रेनिंग कंप्लीट कर ली है.
पीएम मोदी ने योजना की तारीफ की
गुरुवार को बुलंदशहर के चोला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. नमो ड्रोन दीदी कृषि के भविष्य के लिए अहम साबित होगी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों के लिए हमारी सरकार जितना काम कर रही है, उतना पहले किसी सरकार ने काम नहीं किया. पिछले 10 वर्षों में जनकल्याण की हर योजना का सीधा लाभ हमारे छोटे किसानों को मिला है.
Leave a comment