Home पशुपालन Nattive Breed Of Gujrat: पहचान है मेहसाणा भैंस, बाल्टी भरकर देती है दूध
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Nattive Breed Of Gujrat: पहचान है मेहसाणा भैंस, बाल्टी भरकर देती है दूध

इन भैंसों के प्रति ब्यात की बात करें तो ये 1500 से 2000 लीटर दूध देने की क्षमता रखती हैं.
प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. दुग्ध उत्पादन में भैंस का दूध बेचकर आजकल पशुपालक अपनी इनकम में ग्रोथ कर रहे है. भैंस पालन काफी पुराना है. गांव हो या शहर डेयरी में अच्छी नस्ल की भैंस पालकर दूध की सप्लाई की जाती है. भैंस की अगर बात की जाए तो देश की कई नस्लें भैंस में पाई जाती हैं. आज हम गुजरात की एक ऐसी ही भैंस की नस्ल की बात कर रहे हैं, जिससे भरपूर दूध मिलता है. ये है मेहसाणा भैंस. इस भैंस से 16 लीटर तक दूध लिया जा सकता है. दूध के साथ ही इस भैंस का घी भी काफी अच्छी मात्रा में ​बनता है. ये भैंस मुर्रा भैंस से मिलती जुलती होती है. आइये जानते है इस भैंस के बारे में और अधिक जानकारी.

मेहसाणा भैंसें खूबियों से भरपूर है. मेहसाणा भैंस दिखने में काफी भारी भरकम होती है. इन भैंसों के सींग चौड़े होते हैं और अंदर की तरफ़ मुड़े हुए होते हैं. ये भैंस गुजरात राज्य में पाई जाती है. मेहसाणा भैंस एक डेयरी नस्ल है, जिसका नाम मेहसाणा शहर के नाम पर रखा गया है. जो कि इस नस्ल की मूल जगह है. मेहसाणा भैंस को सुरती और मुर्रा नस्लों के संकरण से विकसित किया गया है. मेहसाणा भैंस को दूध उत्पादन के लिए जाना जाता है, और यह अपनी नियमित गर्भधारण, निरंतर दूध उत्पादन और लंबे समय तक दूध उत्पादन के लिए जानी जाती है.

ये है मेहसाणा भैंस की पहचान और विशेषता: मेहसाणा गुजरात के मेहसाणा, सबकांठा, बांसकांठा, गांधी नगर, अहमदाबाद और पाटन में पाई जाती हैं. मेहसाणा भैंस की पहचान कुछ विशिष्ट लक्षणों से होती है. यह मुर्रा भैंस से मिलती-जुलती दिखती है, लेकिन इसका शरीर लंबा और हल्का होता है. मेहसाणा भैंस के सींग आम तौर पर मुर्रा भैंस की तुलना में कम घुमावदार होते हैं और इसका माथा चौड़ा होता है. उभरी हुई आंखें होती हैं. यह भैंस काले, भूरे या ग्रे रंग की हो सकती है। अगर इन भैंसों के प्रति ब्यात की बात करें तो ये 1500 से 2000 लीटर दूध देने की क्षमता रखती हैं.

ये नस्लें हैं रजिस्टर्ड: भैसों की बात की जाए तो भदावरी, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश प्रदेश, जाफराबादी, गुजरात, मराठवाड़ी, महाराष्ट्र, मेहसाणा, गुजरात, मुर्रा, हरियाणा, नागपुरी, महाराष्ट्र, नीली रावी, पंजाब, पंढरपुरी, महाराष्ट्र, सुरती, गुजरात, टोडा, तमिलनाडु, बन्नी, गुजरात, चिलिका, उड़ीसा, कालाहांडी, ओडिशा, लुइट (दलदल) असम और मणिपुर, बरगुर, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ी, छत्तीसगढ़, गोजरी, पंजाब और हिमाचल प्रदेश, धारवाड़ी, कर्नाटक मांडा, ओडिशा और पुरनाथाडी नस्ल महाराष्ट्र की रजिस्टर्ड है.

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