नई दिल्ली. एक आंकड़े पर गौर किया जाए तो इससे पता चलता है कि देश की राधानी में दिल्ली में प्रति व्यक्ति रोजाना 600 एमएल दूध की आवश्यकता है. ये आवश्यकता दूध के रूप में भी और इससे बनी चीजों से भी पूरी होती है. जबकि तीन बड़े ब्रांड अमूल, मदर डेयरी और वीटा डेयरी इस जरूरत की पूर्ति करते हैं. हालांकि इन कंपनीज में एक और नाम जुड़ने जा रहा है. वो भी यूपी की कंपनी का. यूपी अपने शहरों के अलावा जल्द ही दिल्ली-एनसीआर में दूध और दूध से बने प्रोडक्ट को उतारेगा और होने वाली कमी को पूरा करेगा.
बात की इस डेयरी की तो उत्तर प्रदेश की गर्वनमेंट इसके लिए मेरठ-बुलंदशहर में बड़े मिल्क प्लांट लगने के मूड में हैं. जबकि मिल्क कंपनियां भी एनसीआर से सटे शहरों में इंवेस्ट कर रही हैं. बता दें कि अमूल सहित 6 बड़ी कंपनियों ने हाल ही में अपने प्लांट शुरु किए हैं. यही वजह है कि यूपी में 40 लाख मिट्रिक टन तक दूध का प्रोडक्शन बढ़ गया है.
बता दें कि केन्द्रीय पशुपालन मंत्रालय की रिपोर्ट है. इसके मद्देनजर देश में उत्तर प्रदेश ही सबसे बड़ा दूध उत्पादक राज्य है. यूपी दूध उत्पादन में देश में साल 2020-21 में 15 फीसदी की का शेयर था. जबकि वर्ष 2016-17 में यूपी में 277.697 लाख मीट्रिक टन और 2020-21 में 318.630 लाख मीट्रिक टन दूध का उत्पादन हुआ था.
गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर में दूध की खासी डिमांड है. इसी के चलते यूपी सरकार ने राज्य में ग्रीनफील्ड डेयरियों शुरुआत की. खबरें ये भी है कि ग्रीन फील्ड डेयरियां कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, बरेली, कन्नौज, गोरखपुर, फिरोजाबाद, अयोध्या और मुरादाबाद में स्थापित की जा रही हैं. जबकि झांसी, नोएडा, अलीगढ़ और प्रयागराज की चार पुरानी डेयरियों के उच्चीकरण का कार्य भी कराया जा रहा है. गाजीपुर में पूर्वांचल अग्रिको, बिजनौर में श्रेष्ठा फूड, मेरठ में देसी डेयरी, गोंडा में न्यू अमित फ़ूड, बुलंदशहर में क्रीमी फ़ूड और लखनऊ में सीपी मिल्क फूड की डेयरी यूनिट लगाई गई है.
उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि गोवंश पालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गोकुल पुरस्कार और देशी गोवंश की गाय से सबसे ज्यादा जो दूध उत्पादन कर है है उसे नंदबाबा पुरस्कार दिया जा रहा है. जबकि गांवों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस बिजनेस से जोड़ने के लिए सरकार ने 12 लाख से अधिक दूध किसानों को क्रेडिट कार्ड दिया है. इसे बढ़वा देने के लिए 75 जिलों में करीब 21,537 दूध समितियां बनाई गई हैं. सभी समितियों से करीब 12.79 लाख पंजीकृत दूध उत्पादक जुड़े हुए हैं.
Leave a comment