नई दिल्ली. क्या आपने कभी सोचा होगा कि अंडा उत्पादन करने वाला कोई भी कोई व्यक्ति पदमश्री पुरस्कार जीत सकता है, जी हां आपने सही पढ़ा है. हो सकता है कि यह खबर अगले कुछ दिनों में सच हो जाए. क्योंकि झारखंड के धनबाद में रहने वाले बीरबल मंडल ने पोल्ट्री व्यवसाय में अपनी ऐसी पहचान बनाई है कि पशुपालन विभाग की ओर से पदमश्री पुरस्कार के लिए उनके नाम को आगे बढ़ाया गया है. दरअसल, केंद्र सरकार ने अलग-अलग क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए सभी जिलों से पदमश्री पुरस्कार के लिए नाम मांगे थे. जिसके बाद पशुपालन विभाग ने बीरबल मंडल का नाम भेजा है.
बीरबल मंडल साल 1996 देसी मुर्गी पालन कर रहे हैं. उन्होंने अपने घर से ही छोटे पैमाने पर काम शुरू किया था. शुरू में उन्हें कम कमाई हुई लेकिन बाद में जब बॉयलर मुर्गी फार्म बनाया तो धीरे-धीरे 500 फिर 1000 और अब 25 हजार ब्रॉयलर मुर्गियों का फॉर्म चला रहे हैं. इस काम से न सिर्फ उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार किया है बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं.
झारखंड का पहला लेयर फार्म लगाया
बीरबल ने बताया कि स्थानीय स्तर पर बहुत से लोगों के फॉर्म खुलवाने में भी उन्होंने मदद की है. जिन लोगों का ब्रॉयलर फार्म शुरू करवाया है, उन्हें खुद फीड और चेक भी सप्लाई करते हैं. इससे दूसरे किसानों को भी फायदा हुआ है और उन्होंने खुद भी प्रॉफिट कमाया है. उन्होंने बताया कि साल 2001 में हैचरी की फैक्ट्री लगाई थी, जिसमें अंडा हैदराबाद से मंगवाकर चिक्स का उत्पादन भी शुरू किया और इसकी सप्लाई मार्केट में करने लगे. यह भी काम चल निकला, जिससे उनकी कमाई और ज्यादा बढ़ गई. साल 2011 में लेयर फार्म खरीदा और उन्हें इसमें अच्छी कमाई का जरिया नजर आया तो इसके बाद चार-पांच लेयर फार्म लगा चुके हैं. यहां तक की झारखंड का पहला लेयर फार्म उन्होंने नहीं लगाया था.
70 फीसदी अंडों की करते हैं सप्लाई
बीरबल मंडल इस वक्त 2 लाख से ज्यादा अंडों का उत्पादन अपने फार्म में करते हैं. झारखंड के तीन जिलों में उनके लेयर फार्म हैं और सभी फॉर्म की अच्छी से अच्छा उत्पादन होता है. उन्होंने दावा किया कि झारखंड में जितनी अंडों की खपत होती है, उसमें 70 फीसदी आपूर्ति वह अकेले खुद ही करते हैं. बाकी 30 फीसदी अंडे पंजाब, हैदराबाद और बंगाल से मंगाए जाते हैं. बीरबल का कहना है कि झारखंड में अंडे की 100 फीसदी आपूर्ति करने का उनका टारगेट है. दूसरे राज्यों में भी अंडे सप्लाई करने की भी वह कोशिश करेंगे.
800 लोगों को दे रहे हैं रोजगार
उन्होंने कहा कि करीब चार सौ मजदूर उनके अलग-अलग फॉर्म में काम कर रहे हैं. इसके अलावा जो प्लांट बने उसमें करीब 400 लोग काम करते हैं. कुल मिलाकर 800 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. उनका नाम पदमश्री अवार्ड के लिए आगे भेजने वाले पशुपालन पदाधिकारी आलोक कुमार सिन्हा ने कहा कि बीरबल मंडल के नाम की उन्होंने अनुशंसा की है. बोकारो के सरकारी पोल्ट्री फार्म को बीरबल मंडल के फार्म के सिस्टम की तर्ज पर विकसित करने की भी योजना तैयार की गई है. उन्होंने राज्य के हित में अच्छा काम किया है, जिसे देखते ही उनका नाम इस सम्मान के लिए नामांकित किया गया है.
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