नई दिल्ली. मुर्गी पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जिसे कम पूंजी में किया जा सकता है. इस व्यवसाय की ये भी खासियत है कि इसे घर पर भी किया जा सकता है. जबकि कमर्शियल तरीके से फॉर्म बनाकर भी आप इस व्यवसाय से कमाई कर सकते हैं. घर के आंगन में किए जाने वाले मुर्गी पालन को बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग कहा जाता है. वहीं फार्म के अंदर लेयर मुर्गियों को पालकर अंडो का उत्पादन किया जाता है. जबकि ब्रॉयलर मुर्गों से मीट हासिल किया जाता है. कुल मिलाकर ये कहना गलत नहीं होगा कि पोल्ट्री फार्मिंग से आप अच्छा खासा मुनाफा हासिल कर सकते हैं.
अगर आप पोल्ट्री फार्मिंग करने का मन बना चुके हैं तो आपके लिए ये जानना बेहद ही जरूरी है कि इस काम को कब शुरू करना बेहतर होगा. इससे कब सबसे ज्यादा मुनाफा होता है. पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो मुर्गियों का कारोबार मौसम के लिहाज से शुरू करना चाहिए. आईए जानते हैं कि किस मौसम में मुर्गियों का बिजनेस शुरू करें कि इससे ज्यादा कमाई हो.
अहम बातों को यहां पढ़ें
एक्सपर्ट के मुताबिक मुर्गी पालन का काम शुरू करने के लिए यही वक्त सबसे अच्छा है. फरवरी का महीना पोल्ट्री फार्मिंग के लिए बेहतर माना जाता है.
क्योंकि इस दौरान न तो ज्यादा ठंड रहती है न ही ज्यादा गर्मी. इसलिए मुर्गियों के चूजों को आसानी से फार्म में पाला जा सकता है.
इस मौसम में चूजों में मृत्युदर कम दिखाई देती है. वहीं पोल्ट्री फार्म के अंदर बहुत ज्यादा तापमान को मेंटेन करने की जरूरत भी नहीं पड़ती है.
बता दें कि मुर्गियों को आमतौर पर पहले महीने में लगभग 32 डिग्री सेल्सियस का तापमान जरूरत होती है. चाहे सर्दी हो या गर्मी इतना तापमान मेंटेन करना ही पड़ता है.
जबकि सर्दियों में मुर्गियों को गर्म रहने के लिए ज्यादा कैलोरी की जरूरत होती है. वहीं गर्मियों में टेंपरेचर ज्यादा हो जाता है. इस वजह से कूलर आदि की व्यवस्था करनी पड़ती है.
एक्सपर्ट के मुताबिक इसलिए इस समय अगर पोल्ट्री फार्मिंग का काम शुरू करते हैं तो जब तक गर्मी आएगी मुर्गियों में मौसम से लड़ने की क्षमता आ जाएगी.
ये काम जरूर करें पोल्ट्री फॉर्मर्स
साथ-साथ ये भी जान लें कि की मुर्गी फार्मिंग में अंडे की सर्दियों में ज्यादा डिमांड रहती है. जबकि मीट की हमेशा ही मांग रहती है. मुर्गी फार्मिंग में ज्यादा फायदा लेने के लिए सबसे जरूरी काम ये है कि इसको शुरू करने से पहले ट्रेनिंग ले ली जाए. अगर मुकम्मल ट्रेनिंग है तो फार्मिंग में ज्यादा फायदा मिलता है. इसमें नुकसान का खतरा कम हो जाता है. ट्रेनिंग में आपको ये सीखने को मिलेगा कि पोल्ट्री फार्म को कैसे बनाया जाए, मुर्गियों को कौन सा फीड दिया जाए. मुर्गियों को बीमारियों से कैसे बचाया जाए आदि.
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