Home मछली पालन Fish Farming: इन 11 प्वाइंट्स में पढ़ें मछली पालन के लिए कैसे की जाती है मिट्टी की जांच
मछली पालन

Fish Farming: इन 11 प्वाइंट्स में पढ़ें मछली पालन के लिए कैसे की जाती है मिट्टी की जांच

fish farming
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. किसान चाहें तो खेती के अलावा मछली पालन करके अपनी इनकम को बढ़ा सकते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि अगर एकड़ तालाब में मछली पालन किया जाए तो फिर 20 से 25 क्विंटल मछलियों का उत्पादन लिया जा सकता है. जिससे करीब 5 से 6 लाख तक की कमाई हो सकती है. किसी भी कारोबार में इतनी आमदनी कम नहीं मानी जा सकती है. एक्सपर्ट कहते हैं कि मछली पालन को और ज्यादा फायदेमंद बनाना है तो बत्तख पालन भी इसी के साथ की जा सकती है. जिससे सालाना 3 से 4 लाख रुपए तक मुनाफा हो सकता है. ऐसे में दोनों को जोड़ दिया जाए तो सालाना 12 लाख रुपये तक कमाया जा सकता है.

हालांकि मछली पालन के लिए तालाब में पानी और मिट्टी की उपयोगिता का बड़ा अहम रोल है. मिट्टी तथा पानी में उपलब्ध पोषक तत्वों का मछली तथा पानी की उत्पादकता पर असर पड़ता है. मिट्टी का नमूना हरेक 75 सेमी गहराई से कम से कम 250 ग्राम लेना चाहिए. पानी का नमूना एक अच्छे तथा साफ बोतल में 1 लीटर लेना चाहिए. पानी का नमूना उसी दिन लेना चाहिए, जिस दिन उसे प्रयोगशाला में पहुंचाना हो.

खुद कैसे करें मिट्टी की जांच

  1. तालाब के सतह से हाथ में थोड़ी मिट्टी लें.
  2. इस मिट्टी को हाथ में गेंदाकार बना लें.
  3. इस गेंदाकार मिट्टी को हवा में उछाल कर गिरते क्रम में पुनः पकड़ें.
  4. जिस मिट्टी में बालू अथवा कंकड, ज्यादा होंगे वो आपस में नहीं चिपकेंगे एवं उसे जैसे ही हवा में उछालेंगे तो वे टुटकर बिखर जाएगा.
  5. अगर मिट्टी की गेंद नहीं बिखर जाए तो मिट्टी अच्छी एवं तालाब निर्माण के लिए उपयुक्त है.
  6. दो फीट लम्बा, दो फीट चौड़ा एवं 3 फीट गहरा एक गड्‌ढा खोदें.
  7. इस गड्ढे में सुबह पानी भर दें और शाम को देखें और माप करें कि गड्ढे में कितना पानी रह गया है.
  8. गड्ढे के पानी में आयी कमी वाष्पीकरण और मिट्टी के अंदर सोखने के कारण से है और, फिर उस गड्‌ढे को फिर पानी से भर दें.
  9. गड्ढे को चौड़े पत्तों वाले झाड़ से ढक दें. दूसरे दिन सुबह फिर देखें और जल स्तर को माप लें कि कितना पानी उस गड्‌ढे से बचा है.
  10. गड्ढे के पानी के जल स्तर में आयी कमी मुख्य रूप से मिट्टी के अन्दर पानी के सोखने के कारण है.
  11. अगर ज्यादातर पानी में शेष बचा है तो उस जमीन में तालाब का acti निर्माण किया जा सकता है या नहीं. बलुआई मिट्टी में पानी काफी तेजी से भागता है जबकि चिकनी दोमट मिट्टी में धीरे-धीरे.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

meat consumption by country
मछली पालन

World Fisheries Day: मछली खाने के हैं कई फायदे, ​इन बीमारियों का भी खतरा हो जाता है कम

मछली हृदय रोगों को रोकने और लड़ने के लिए पोषण देती है....

fish farming
मछली पालन

Fish Farming: ठंड से मछलियों को बचाने के लिए क्या करना चाहिए, इन 8 टिप्स को पढ़कर जानें

टेंपरेचर मेंटेन रहे. एक्सपर्ट कहते हैं अगर पानी का टेंपरेचर नियंत्रित रहता...

fish farming, Fish Farming, Fish Rate, Fish Production, Fish Pond, Fish Species, Fish Center, CMFRI, Tundla News,
मछली पालन

Fish: इन मछलियों को पालें, तेजी से होती है ग्रोथ, ज्यादा होता है मुनाफा

जबकि बहुत सी मछलियां न ज्यादा ठंडे और न ही ज्यादा गर्म...