Home पशुपालन Dairy Animal: 20 प्वाइंट्स में पढ़ें, जुलाई-अगस्त में पशुओं की अच्छी देखभाल के जरूरी टिप्स
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Dairy Animal: 20 प्वाइंट्स में पढ़ें, जुलाई-अगस्त में पशुओं की अच्छी देखभाल के जरूरी टिप्स

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प्रतीकात्मक फोटो:

नई दिल्ली. मॉनसून पूरी तरह से आ चुका है और बारिश भी कर रहा है. ऐसे में पशुपालकों के लिए अलर्ट रहने का समय है. पशुपालक अपने पशुओं की केयर को लेकर अगर अलर्ट नहीं होंगे तो फिर पशुओं के बीमार होने के चांसेज बहुत ज्यादा हो जाएंगे. एक्सपर्ट कहते हैं कि मॉनसून के दौरान पशुओं के शेड से लेकर उनके खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. सबसे दिक्कत तो खाने को लेकर होती है. क्योंकि चारे में नमी ज्यादा होती है और पशु अगर ज्यादा नमी वाला चारा खाते हैं तो उन्हें परेशानी हो सकती है.

आइए इस ​आर्टिकल में एक्सपर्ट द्वारा बताए गए 20 प्वाइंट्स में हम आपको बताते हैं कि मॉनसून के दौरान पशुओं की किस तरह देखभाल करनी चाहिए कि वो तंदुरुस्त भी रहें और ज्यादा से ज्यादा मिल्क प्रोड्यूस करें.

क्या करना है, जानें यहां
-मॉनसून के दौरान पशु शेड की छत से किसी तरह रिसाव नहीं होना चाहिए. छत साफ-सुथरी होनी चाहिए.
-खिलाने से पहले नई घासों को काटकर धूप में सुखाना चाहिए.
-बरसात के मौसम में पशुओं को चारा खिलाने के लिए फीड ब्लॉक बेहतर विकल्प है.
-मानसून कीड़े अधिक दर से विकसित होते हैं. इसलिए डीवार्मिंग शुरू, बीच और में करनी चाहिए.
-एक्टोपारासाइट्स को हटाने के लिए जानवरों को जरूरत के हिसाब से पानी में डुबोया जाना चाहिए.
-एक्टो-परजीवीनाशक और पशु शेड के आसपास की सभी झाड़ियों या पौधों को काटकर साफ़ करें.
-जख्म या कटी हुई चोटों पर जरूरी मरहम लगाना चाहिए. ताकि मक्खियां न बैठ पाएं.
-पशु फार्म को उपयोग से नियमित रूप से कीटाणुरहित किया जाना चाहिए.
-दाना या दाना सामग्री को उचित स्थान पर सूखी जगह पर स्टोर किया जाना चाहिए.
-प्लेटफार्म और बरसात या नमी से मुक्त करना बेहतर होता है.
-बरसात के मौसम में दुधारू पशुओं को चोट लगने से बचाने के लिए उनकी देखभाल करनी चाहिए.
-टीकाकरण बरसात के मौसम में किया जाना है.
-बरसात के मौसम में जानवरों को खासकर छोटे जानवरों को चराने न ले जाएं.
-घासों में पानी की मात्रा अधिक होती है जो दूध की डिग्री को प्रभावित करती है.
-इस दौरान पीने के लिए स्वच्छ, पीने योग्य और गर्म पानी उपलब्ध कराया जाना है
-हरा चारा देने वाले पशुओं को सूखा चारा के साथ हरा चारा उपलब्ध कराना चाहिए.
-चारे को पहले धूप में सुखाना चाहिए. फिर जानवरों खाना खिलाना चाहिए.
-पशुओं को लाल पानी या कीचड़ वाला पानी पीने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
-खेत में पानी गंभीर सर्दी, दस्त, कालापन का कारण बनता है. पशु इसे न पी पाएं.
-बारिश के खराब मौसम से खेत के जानवरों की सुरक्षा करना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा.

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