नई दिल्ली. भारत में 310 से अधिक सांपों की प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से 66 प्रजातियां विषैली हैं और 42 हल्के विषैले हैं. सभी प्रजातियों में से भारत में 90% सांप के काटने के मामले केवल चार प्रजातियों द्वारा होते हैं. इन्हें बिग 4 के नाम से जाना जाता है. देश में सांप के काटने से होने वाली विषाक्तता ग्रामीण और उपनगरीय क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती का प्रतिनिधित्व करती है. लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और कृषि, शिकार, मछली पकड़ने और वानिकी पर अपनी आजीविका के लिए निर्भर है. इस जोखिम के कारण मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ घरेलू जानवरों की उत्पादकता पर भी भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है. देश में पशुओं में सांप के काटने से मृत्युदर 47 प्रतिशत तक बताई गई है.
एंटीवेनम सांप के काटने के विष के प्रणालीगत प्रभावों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए एकमात्र विशिष्ट मारक है. एंटीवेनम पॉलीवेलेंट और मोनोवेलेंट प्रकार के हो सकते हैं. भारत में वर्तमान में इस्तेमाल किया जाने वाला एंटीवेनम पॉलीवेलेंट प्रकार का है. यह सभी चार आम विषैले सांप प्रजातियों के खिलाफ प्रभावी है. विषहीन सांप के काटने से भी घाव के आसपास सूजन और खुजलाहट होती है. जहरीले सर्प के काटने पर काटे गए जगह पर दर्द, नींद आना, सांस लेने में परेशानी, बंद होती पलकें, नेक्रोसिस (शरीर के कोषिकाओं की मृत्यु) पक्षाघात के साथ मुॅह से झाग का आना और कुछ भी निगलने में परेशानी होती है.
सांप के काटने पर करें ये काम: सांप काट ले तो घबराएं नहीं, सांप को खोजने की बजाए तुरंत पीड़ित को नजदीकी अस्पताल ले जाएं. देरी करने पर पीड़ित व्यक्ति का तंत्रिका तंत्र प्रभावित हो सकता है. उसका सांस लेना मुश्किल हो सकता है. ब्लड का थक्का जमना या फंगल संक्रमण फैलना शुरू हो जाता है. इसलिए उसे नजदीकी हॉस्पिटल ले जाएं. ताकि उसे वहां एंटी-स्नेक वेनम नामक टीका दिया जा सके.
सांप काटने के कितनी देर बाद होता है असर: सबसे पहले तो ये बात जान लें कि हर बार सांप के काटने पर जहर इंजेक्ट नहीं होता है. लेकिन अगर पीड़ित व्यक्ति के घाव से रिसाव हो रहा है तो हो सकता है कि जगर इंजेक्ट हुआ हो. अधिकांश पिट वाइपर के काटने पर तेज दर्द होता है. करीब 30 से 60 मिनट के अंदर सांप काटने वाली प्रभावित जगह पर लालिमा और सूजन हो जाती है. सांप के काटने के बाद कभी भी सांप को मारें नहीं, यदि संभव हो तो पहचान के लिए उसकी तस्वीर ले सकते हैं.
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