नई दिल्ली. पशु पालन देश की अर्थव्यवस्था में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है. यही वजह है कि परंपरागत खेती-किसानी को छोड़कर बहुत से लोगों ने नए तौर-तरीके अपनाकर बकरी पालन कर रहे हैं, जो दूसरे के लोगों के लिए प्रेरणादायत साबित हो रहे हैं. इसलिए इस व्यवसाय को शुरू करें लेकिन पहले चीजों की जानकारी जरूर कर लें. भारत में बड़े पैमाने पर बकरी पालन करके लोग हर महीने लाखों रुपये कमा रहे हैं. बहुत से ऐसे पशु पालक और किसान हैं जिन्होंने बकरी पालन को व्यवसाय के रूप में कर रहे हैं. मगर, कभी-कभी बकरी पालक नासमझी और कम तजुर्बे की वजह से नुकसान कर बैठते हैं. किसान या पशुपालक बकरियों के आवास पर ज्यादा पैसा खर्च न करके पशु लाने में लगाएं. बकरी के फर्श को कच्चा रखें, पक्का करने से बकरी को नुकसान पहुंचती है और इसमें पैसा भी खर्च होता है. इसलिए नीचे कॉन्क्रीट का फर्श न करें. इससे बकरियों खुरों में परेशानी होने लगती है.
भारत में अब बड़े पैमाने पर पशुपालन की ओर से रुझान बढ़ रहा है. बकरी पालन एक आर्थिक कमाई का अच्छा संसाधन बनकर उभरा है. अगर ठीक से बकरी पालन कर लिया जाए तो कम लागत में अच्छा मुनाफा दे सकता है. हां, अगर जानकारी के अभाव में ये आपको नुकसान भी दे सकता है. इसलिए फार्म शुरू करने से पहले जितनी हो सके बकरी पालन के बारे में पूरी जानकारी कर ली जाए. अगर बकरी पालन की जानकारी लेकर उन्हें अपने फार्म पर लागू कर दिया तो बकरी पालन में नुकसान के चांस कम होते हैं. इसमें सबसे बड़ा नुकसान होता है जब नस्ल की जानकारी न हो और शेड पर जरूरत से ज्यादा पैसा खर्च कर देने से भी हो जाता है.
शेड पर जरूरत से ज्यादा पैसे खर्च करना
लोग बकरी पालन तो शुरू कर देते हैं लेकिन बकरी शेड पर जरूरत से ज्यादा पैसा खर्च कर देते हैं. जिससे पशुपालकों के पास पशु खरीदने के लिए बजट ही नहीं बचता. इसलिए इससे बचें. बकरी साधारण वातावरण में रहने वाला जानवर है. शेड की जमीन को पक्का न करके कच्चा ही रहने दें. पक्के पर्श पर बकरी आराम से नहीं रह पाती. इससे बकरियों के खुरो में भी दिक्कत होने लगती है.
शुरूआत में ही पकड़ लें बीमारियों को
अगर आप गोट फार्मिंग करना चाहते हैं तो बकरी पालन की पहले से पूरी जानकारी कर लें. अगर बकरी को शुरूआत में कोई छोटी-मोटी बीमारी लग जाती है और उस पर आप ध्यान नहीं देते तो वो बीमारी बड़ा रूप ले लेगी. इसलिए जैसे ही कोई दिक्कत हो तो जानवरों का इलाज कर दें. अगर समय से बकरी को इलाज मिल जाएगा तो बकरी मरने से बच जाएगी.
बाजार के हिसाब से तैयार कर माल
बकरी पालक एक और बड़ी गलती कर बैठते हैं. फार्म संचालक बाजार में मांग के हिसाब से माल तैयार नहीं करते. अगर आपके बाजार में खस्सी बकरों की मांग है तो खस्सी बकरे ही तैयार करने चाहिए. बाजार को देखकर उनकी खिलाई करते रहे. प्योर नस्ल की बकरियों को पालें, क्योंकि आज मार्केट में प्योर नस्ल की बकरियों की कमी है और फार्म संचालकों को प्यार नस्ल की बकरियों की जरूरत होती है. वे प्योर नस्ल की बकरियों के लिए भटकते रहते हैं. अगर आपके फार्म पर प्योर बकरियां हैं तो लोग आप तक पहुंचेंगे.
अपने क्षेत्र की बकरियों को पालें
अगर आप बकरी पालन कर रहे हैं तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि अपने क्षेत्र के आसपास पाली जाने वाली ब्रीड की ही बकरी पालें. आसपास के वातावरण में रह चुकी बकरियां ही खरीदकर लाएं, क्योंकि ज्यादा दूर से बकरी लाने में जलवायु परिवर्तन के कारण भी बकरियां बीमार हो जाती हैं और पीपीआर जैसी बामारी होने पर बकरियां मर जाती हैं. ऐसा होने पर बकरियां मर तक जाती हैं. जब शुरूआत में ऐसा होने लगता है तो बकरी पालक जल्द ही हार मान जाते हैं.
सही फार्म से ही खरीदें बकरियां
बकरी पालक एक और गलती कर बैठते हैं. किसान या पशुपालक गांव या किसी ऐसे फार्म से बकरी खरीद लाते हैं जहां पर प्योर ब्रीड न होकर मिक्स ब्रीड के जानवर होंगे. वहीं कुछ लोग सोशल मीडिया पर फोटो या वीडियो देखकर बकरी खरीद लाते हैं, जिससे नुकसान उठाना पड़ता है. कभी भी आनलाइन, फेसबुक या व्हाट्सअप के माध्यम से बकरी न खरीदें. सीधे फार्म से ही बकरी को खरीदें. साथ ही पहले से किसी को एडवांस रुपया भी न दें.
दो साल बाद आता है रिजल्ट
बकरी पालक रिजल्ट में जल्दीबाजी न करें. बकरी पालन में अन्य बिजनेस की तुलना में जल्द लाभ प्राप्त नहीं होता. बकरी पालन में कम से कम दो साल का वक्त लगता है. पहला साल तो सीखने में दूसरा साल इनकम देता है. इसलिए हड़बड़ाहट न करके सब्र से काम लें और ठीक से बकरी पालन करें.
खुद को देना होगा ध्यान
बकरी पालन में सबसे जरूरी बात है कि फार्म संचालक को इसमें खुद ही ध्यान देना होगा. अगर किसी दूसरे पर छोड़कर बकरी पालन करेंगे तो नुकसान उठाना पड़ सकता है. किसी लेबर या दूसरे के सहारे बकरी पालन कराना चाहते हैं तो उक्त व्यक्ति को बकरी पालन की जानकारी जरूर होनी चाहिए. जब उसे बकरी पालन में रुचि होगी तो वो मन लगातार ध्यान देगा. क्योंकि बकरी पालन में 24 घंटे नजर रखनी होती है. अगर हम 24 घंटे निगरानी नहीं रखेंगे तो नुकसान हो सकता है.
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