नई दिल्ली. पशुपालन में पशुओं की खरीद करते समय ऐसे पशु को खरीदना चाहिए, जिसका दूध उत्पादन ज्यादा है. कई बार पशुपालक पशु बेचने वालों के धोखे में आ जाते हैं और ऐसा पशु खरीद लेते हैं, जिनका दूध उत्पादन बेहद ही कम है. इससे उन्हें डेयरी फार्मिंग में नुकसान होने लगता है. एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि जो पशु ज्यादा दूध देता है, उसकी भी कुछ पहचान होती है. लंबे समय से पशुपालन करने वाले पशुपालक इस बात को पहचान लेते हैं. अगर आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है तो हम यहां बताने जा रहे हैं कि जिससे आप पशु की पहचान कर पाएंगे कि वह ज्यादा दूध देने वाला है या नहीं.
आमतौर पर डेयरी फार्मिंग में भैंस को ज्यादा पाला जाता है. क्योंकि भैंस ज्यादा दूध देती है और बहुत से लोग भैंस का दूध ज्यादा पीते भी हैं. इस वजह से भैंस को डेयरी फार्मिंग में ज्यादा फायदा पहुंचाने वाला माना जाता है. भैंसों की तमाम प्रजातियों में मुर्रा नस्ल की भैंस ज्यादा दूध देने के मामले में आगे है. अगर आप भी मुर्रा नस्ल की भैंस को पालना चाहते हैं और चाहते हैं कि डेयरी फार्मिंग में ज्यादा फायदा हो तो जान लें कि ज्यादा दूध देने वाली भैंस की क्या पहचान होती है. अगर आपको पहचान करना नहीं आएगा तो फिर हो सकता है कि आप कम दूध देने वाली भैंस को खरीद लाएं. जिससे आपको नुकसान हो सकता है.
क्या है प्योर मुर्रा नस्ल की भैंस की पहचान
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि सबसे जरूरी यह है कि आडर की क्वालिटी बेहतर होनी चाहिए. आडर में ये देखा जाता है कि जिस जगह से दूध निकलता है वह कैसा है. ये सभी एक तय दूरी पर होना चाहिए. जबकि ज्यादा दूध देने वाली मुर्रा भैंस का थोड़ा दूरी पर होता है. ज्यादा दूध देने वाली मुर्रा नस्ल की भैंस की पूंछ भी पतली होती है. इसलिए पता चलता है कि यह भैंस प्योर मुर्रा नस्ल की है और उसकी चमड़ी भी बेहद पतली होती है. अगर इस तरह की चीज किसी मुर्रा नस्ल में मिलती है तो वो भैंस 20 से 25 लीटर प्रतिदिन दूध दे सकती है. हालांकि इसके खानपान पर भी काफी चीजें निर्भर करती है.
ज्यादा दूध देने वाली भैंस को क्या खिलाएं
25 लीटर दूध देने वाली मुर्रा नस्ल की भैंस को खाने में खल और चूनी देना बेहतर होता है. बहुत से पशुपालक ज्यादा दूध उत्पादन के लिए पशु को सेब भी खिलते हैं. एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि जब भी पशु को खरीदा जाए तो इस बात का भी ध्यान दिया जाए कि अगर अच्छी क्वालिटी की एक भैंस को भी खरीद लिया जाए तो दो खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसलिए दो खरीदने से अच्छा है एक ही खरीद ली जाए. इसके बाद अगर पशु बछड़ी को जन्म दे और उसे तैयार करने की बात आए तो 3 महीने तक उसे दूध पिलाना चाहिए. उसकी सही तरह से देखभाल किया तो डेढ़ साल में वह तैयार हो जाती है.
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