नई दिल्ली. मछली पालन एक ऐसा व्यवसाय बनकर उभरा है जो रोजगार के कई दरवाजे खोलता है. खासकर यह ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दूर करने का एक मजबूत जरिया बन गया है. एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर तालाब में मछली पालन किया जाए तो हर साल एक एकड़ तालाब से 5 लाख रुपये की इनकम हो सकती है. बताते चलें कि फिशरीज सेक्टर से जुड़े हजारों लोग सिर्फ तालाब ही नहीं बल्कि समुद्र और नदियों से मछली पकड़कर अपनी आजीविका चलाते हैं. सरकार चाहती है कि मछली पालन को और ज्यादा बढ़ावा मिले ताकि रोजगार के अवसर भी खुलें और मछली उत्पादन में भारत और आगे बढ़ सके.
यही वजह है कि सरकार की ओर से समय-समय पर कई सारी योजनाएं भी चलाई जाती हैं. ताकि ज्यादा से जयादा लोग मछली पालन करें. अगर देखा जाए तो समुद्र और नदियों में मछली पकड़ने का काम करने वालों को कई तरह का खतरा भी रहता है. इसको देखते हुए सरकार मछुआरों का बीमा करती है. ताकि उनके साथ कोई हादसा होता है तो उनके परिवार की मदद की जा सके. परिवार के लोगों को कम से कम तकलीफ हो. इतना ही नहीं सरकार अन्य मछली पालकों को भी बीमा कवर देती है. अगर उनके साथ किसी तरह का हादसा होता है तो सरकार की तरफ से मदद मिलती है. अब सवाल ये उठता है कि बीमा के तहत किसे कवरेज मिलता है. इस आर्टिकल में हम आपको यही बताने जा रहे हैं.
कब मिलता है कवर, पढ़ें यहां
बता दें कि कवरेज दावे जो कवर किए जा सकते हैं, उसमें समुद्र,सड़क, रेलवे आदि में दुर्घटनाएं शामिल की जाती हैं. जल निकायों में डूबना या फिर लापता होने पर भी कवरेज मिलता है. जबकि आग लग जाने और जहरीले पदार्थों को संभालने के कारण दुर्घटना, बिजली का झटका या बिजली का झटका मशीनरी के साथ काम करते समय दुर्घटना होने पर भी कवर दिया जाता है. जबकि हत्या हो जाने पर भी कवर देने का नियम है. इसके अलावा ऊंचाई से गिरने के कारण दुर्घटना या मृत्यु होने, दंगे के कारण भी कवर मिलता है. जबकि सांप का काटने, बिच्छू के काटने, पशु के काटने, रैबीज, किसी भी जानवर द्वारा कोई चोट लगने पर मृत्यु या अंगों का नुकसान होने पर और कोई अन्य दुर्घटना पर भी कवर मिलता है.
ये दावे नहीं किए जाते हैं कवर
दावे जो कवर नहीं किए जा सकते हैं उसमें आत्महत्या या आत्महत्या का प्रयास करते समय स्वयं को लगी चोट लगने पर दावे को कवर नहीं किया जाएगा. गर्भावस्था, पहले से मौजूद शारीरिक या मानसिक दोष, संक्रमण, नशीले पदार्थ या नशीली दवाओं के प्रभाव में आने पर भी कवर नहीं मिलता है. जबकि बीमाकृत व्यक्ति द्वारा आपराधिक इरादे से कानून का उल्लंघन करने पर भी कवर का फायदा नहीं मिलता है. तत्काल लाभार्थी को नामांकित व्यक्ति द्वारा हत्या या फिर प्राकृतिक मृत्यु हो जाने पर भी इसका फायदा नहीं मिलेगा.
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