Home पशुपालन World Veterinary Day: पशुओं को जीवनदान दे रहे हैं वेटनरी, अब घर पर मिलता है इलाज
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World Veterinary Day: पशुओं को जीवनदान दे रहे हैं वेटनरी, अब घर पर मिलता है इलाज

animal vaccination
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने का काम कर रही है. ताकि किसान पशुपालन के जरिए अपनी इनकम को बढ़ा सकें. इसी कड़ी में सरकार की ओर से कई योजनाएं शुरू की गई हैं. ताकि किसानों की मदद की जा सके और वह पशुपालन के काम में आगे आए पशुपालकों को सब्सिडी दी जाती है लोन मुहैया कराया जाता है. अगर उनके पास पैसों की कमी है तो वह सरकार से मदद लेकर पशुपालन का काम शुरू कर सकें. वहीं सरकार की ओर से पशुओं की हैल्थ को लेकर भी कई काम किया गया है, ताकि पशुओं हैल्थ बेहतर रहे और उत्पादन अच्छा मिले.

गौरतलब है कि पिछले कुछ दशकों में पशुपालन के काम में बहुत बदलाव हुआ है. एक वक्त था जब पशुओं को सही से इलाज नहीं मिल पाता था लेकिन आज तस्वीर बदल गई है. आज वर्ल्ड वेटरिनरी डे है, आइए इस मौके पर जानते हैं कि पिछले कुछ दशकों में पशु पालन में क्या बदलाव हुआ है.

घर पर इलाज कराया जा रहा है मुहैया
सरकार पशुपालन के लिए तमाम इलाज की व्यवस्था कर रही है. एफएमडी जैसे रोग के लिए फ्री वैक्सीनेशन पूरे देश में चलाया जा रहा है, ताकि पशुओं को इस बीमारी की वजह से मौत न हो और किसानों को बेहतर उत्पादन मिले. इसके अलावा अब घर पर भी इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है. बहुत सी जगह पर जहां से पशुओं को पशु चिकित्सालय लाना मुश्किल है, सरकार घर तक एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध करा रही है. ताकि पशुओं का इलाज वहां किया जा सके, जरूरत पड़ने पर उन्हें अस्पताल भी लाया जा सके.

चैटबॉट जाारी किया गया
गौरतलब है कि मोबाइल वेटरनरी यूनिट सरकार की बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है. जिसका ज्यादा फायदा पशुओं और पशुपालकों को देने के लिए राजस्थान में मोबाइल वेटरनरी यूनिट से संबंधित यह चैटबॉट जारी किया गया है. हाल ही में पशुपालन विभाग द्वारा आरएसएलएमटीआई में आयोजित कार्यक्र में ‘1962-एमवीयू राजस्थान’ (चैटबॉट नंबर 9063475027) जारी किया गया है.

नुकसान से बच रहे हैं पशुपालक
एक्सपर्ट कहते हैं कि सरकार के कई कदम से पशुपालन में आसानी हुई है. पहले कोई बीमारी हो जाने पर पशुपालकों का एक झटके में लाखों रुपए का नुकसान हो जाता था. मसलन भैंस को कोई गंभीर बीमारी हो गई और उसकी मौत हो गई तो ऐसी स्थिति में एक से डेढ़ लाख रुपए के जानवर की मौत हो जाती थी. जबकि गाय की कीमत भी 40 हजार से 80 हजार रुपए तक होती है, वहीं भेड़ और बकरी की कीमत भी 20 से 25 हजार रुपए होती है. इनकी जान बचाने से पशुपालकों को नुकसान नहीं होता है. वेटरनरी डॉक्टर पशुओं का इलाज करके पशुपालकों को नुकसान से बचा ले रहे हैं.

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