Home पशुपालन Water: गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन से कैसे बचाएं अपने पशु, एक दिन में पीने का कितना दें पानी, जानिए यहां
पशुपालन

Water: गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन से कैसे बचाएं अपने पशु, एक दिन में पीने का कितना दें पानी, जानिए यहां

livestock animal news
प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. गर्मियों के दौरान पशुओं को अधिक पानी की जरूरत होती है. ऐसे में अगर पशु को पर्याप्त पानी न मिले तो इस वजह से वे डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैं. इस समस्या से अगर आप गाय और भैंस को बचाना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें उचित मात्रा में पानी मुहैया कराना बेहद ही जरूरी है. क्योंकि उन्हें पानी नहीं मिलता तो कई तरह की दिक्कतें भी शुरू हो जाती हैं. कोशिश करें कि पशुओं को 35 से 40 लीटर तक पानी पिलाएं. इसके लिए जरूरी है कि पशुपालक पशुओं के पानी के लिए मुकम्मल इंतजाम करें.

एक्सपर्ट कहते हैं कि पशुओं को कम खर्चे में घर पर ऑटोमेटिक वॉटर सिस्टम बनाकर पानी पिला सकते हें. इससे आपके पशु को डिहाइड्रेशन से बच जाएंगे. कयोंकि एक्सपर्ट का कहना है कि पानी किसी भी जानवर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है. पानी की कमी और उसकी गुणवत्ता में कमी से पशु की वृद्धि और विकास, प्रजनन और सामान्य उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

35 से 40 लीटर पानी पिलाएंः आमतौर पर होता यही है कि किसान भाई अक्सर आहार की कमी पशुओं को नहीं होने देते हैं, लेकिन पानी पर उतना ज्यादा फोकस नहीं करते हैं. कई बार उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं दे पाते हैं. जिसकी वजह से पशु डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैं. पशु को इस स्थिति से बचाने के लिए रोजाना 35 से 40 लीटर पानी पिलाने की जरूरत होती है. एक्सपर्ट ये भी कहते हैं कि पशुओं के आगे साफ और ठंडा पानी रखा जाए. वो जब तक पानी पूरी तरह से पी न लें तब तक हटाया न जाए. समय-समय पर उन्हें पानी दिया जाए.

ये डिहाइड्रेटेड होने के संकेतः एक्सपर्ट के मुताबिक अगर पशुओं को सही समय से और उनकी जरूरत के मुताबिक पानी न दिया जाए तो ऐसे शारीरिक संकेत और व्यवहार संबंधी संकेत दोनों के जरिए पशु इशारा करते हैं. पशु बोल तो सकते नहीं हैं, लेकिन उनकी एक्टिविटी से उनकी प्यास का अंदाजा लगाया जा सकता है. कोई जानवर निर्जलित है या नहीं, इसको पता लगाया जा सकता है. पशुओं में जब पानी की कमी होती है तो सामान्य लक्षणों में सुस्ती, त्वचा में कसाव, वजन कम होना और श्लेष्मा झिल्ली और आंखों का सूखना शामिल हैं. जब डेयरी और बीफ मवेशी निर्जलित हो जाते हैं, तो आंखें धंसी हुई और सुस्त दिखाई देंगी.

ऑटोमेटिक वाटर सिस्टम लगाएंः अगर आप भी अपने पशु को बार-बार पानी देना भूल जाते हैं या फिर आलस के चलते ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो उसका भी रास्ता है. इसके लिए लिए ऑटोमेटिक वाटर सिस्टम बहुत ही फायदेमंद हो सकता है. इससे आपको बार-बार पशुओं को पानी देने की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा. ऑटोमेटिक वाटर सिस्टम बनाने के लिए कुछ सामग्रियों की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए एक चौकोर टब या कंटेनर लेना होगा. पानी के लिए पाइप नल की जोड़ने वाली एक यूनिट, फ्लोर बॉल वॉल्व, एक बाल्टी, एक टैब या ठूठी लेनी होगी. इन सब सामान से आप ऑटोमेटिक वाटर सिस्टम बना सकते हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

livestock animal news
पशुपालन

Animal Husbandry: अलग-अलग फार्म से खरीदें पशु या फिर एक जगह से, जानें यहां

फार्मों में अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए संक्रमण के प्रवेश...

livestock animal news
पशुपालन

Milk Production: ज्यादा दूध देने वाली गायों को हीट से होती है परेशानी, जानें क्या है इसका इलाज

उच्च गुणवत्ता-युक्त अधिक दूध प्राप्त होता है, लेकिन ज्यादा तापमान युक्त हवा...

ब्रुसेलोसिस ब्रुसेला बैक्टीरिया के कारण होता है जो मुख्य रूप से पशुधन (जैसे गाय, भेड़, बकरी) में पाए जाते हैं.
पशुपालन

Animal Husbandry: बरसात में पशुओं को इस तरह खिलाएं हरा चारा, ये अहम टिप्स भी पढ़ें

बारिश के सीजन में पशुओं को चारा नुकसान भी कर सकता है....

पशुपालन

CM Yogi बोले- IVRI की वैक्सीन ने UP में पशुओं को लंपी रोग से बचाया, 24 को मिला मेडल, 576 को डिग्री

प्रदेश सरकार के साथ मिलकर 2 लाख से अधिक कोविड जांच करवाईं....