नई दिल्ली. देशभर में अलग-अलग राज्य की सरकार हैं जो पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं का संचालन कर रही हैं. सभी सरकारें चाहती हैं कि पशुपालन करके किसान अपनी इनकम को दोगुना कर लें. इस वजह से पशुपालन में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. ताकि किसान सरकारी आर्थिक मदद लेकर पशुपालन में हाथ अजमाएं और अपनी इनकम डबल करें. इसका फायदा यह भी है कि इससे देश में दूध उत्पादन और ज्यादा बढ़ेगा. जबकि डेयरी सेक्टर को इससे और मजबूती मिलेगी. इसलिए सरकार किसानों को पशुपालन के प्रति जागरूक भी करने का भी काम करती है.
हरियाणा सरकार की ओर से पशुपालन और डेयरी में हाईटेक डेयरी इकाइयों की स्थापना करने की योजना का संचालन किया जा रहा है. सरकार की ओर से इस योजना का संचालन किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है.
जानें कितना मिलेगा योजना का फायदा
योजना के तहत 20 से 50 पशुओं की डेयरी इकाइयां खोलने पर सरकार की ओर से 75 फीसदी लागत की आर्थिक मदद की जाएगी. अगर बैंक से किस ने लोन लिया है तो उसे इस योजना का फायदा मिलेगा. वहीं चार से 10 दुधारू पशुओं की डेयरी फार्म खोलने पर 25 फीसदी सब्सिडी सरकार की ओर से मिलेगी. अगर आपने भी पशुपालन के लिए लोन लिया है या लोन लेने का इरादा रखते हैं तो सरकार के इस योजना का लाभ लेकर फायदा उठा सकते हैं. वहीं सरकार की ओर से बीमा के लिए भी आर्थिक मदद की जा रही है. बीमा सहायता वित्तीय वर्ष के दौरान स्कीम की उपलब्धता के मुताबिक पशुओं का बीमा करवाने पर प्रीमियम का भुगतान किया जाएगा.
जानें कौन कर सकता है आवेदन
इस योजना के तहत आवेदन करने वाले की उम्र 18 से 55 वर्ष होनी चाहिए और वो हरियाणा का निवासी होना चाहिए. आवेदक बेरोजगार होना चाहिए. कोई अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता प्रशिक्षण की जरूरत नहीं होगी.
आवेदन के पास दारू पशु को रखने के लिए जगह शेड होना जरूरी है किसी समूह फॉर्म संगठन को योजना के तहत फायदा नहीं दिया जाएगा क्योंकि योजना व्यक्तिगत लागू की गई है.
इस योजना के तहत आवेदन को बेरोजगार होने और अन्य शर्तों का पालन करना होगा और इसका घोषणा पत्र भी देना होगा.
आवेदक के पास 20 से 50 पशुओं की डेयरी यूनिट चलाने और हरा चारा उगाने के लिए खुद की जमीन या लंबे समय से पट्टे पर ली गई दो एकड़ या 5 एकड़ भूमि होनी चाहिए.
Leave a comment