Home पोल्ट्री Poultry Farming: कैसे देशी मुर्गियों से करें अच्छी कमाई, ये बीमारी हैं बेहद गंभीर, जानें बचाव के तरीके
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Poultry Farming: कैसे देशी मुर्गियों से करें अच्छी कमाई, ये बीमारी हैं बेहद गंभीर, जानें बचाव के तरीके

पोल्ट्री फार्म में सफाई और कीटाणुनाशन की प्रक्रिया से ही रोगों से बचाव किया जा सकता है.
मुर्गी फार्म में मुर्गी. Live stockanimalnews

नई दिल्ली. पोल्ट्री कारोबार मुनाफे का होता है, लेकिन कभी-कभी बीमारियों के कारण नुकसान हो जाता है. अगर आप खुले हुए क्षेत्र में मुर्गी पालन कर रहे हैं, तो प्रभावित करने वाला सबसे खतरनाक न्यूकैसल रोग है. तमाम झुंड के बीच संपर्क ही रोग प्रसार के महत्वपूर्ण स्रोत हैं. रात में हमेशा ही अच्छी रोशनी होनी चाहिए. ताकि परभक्षियों से मुर्गियों को बचाया जा सके. पोल्ट्री फार्म में लकड़ी और बांस के उपयोग में बाहरी परजीवियों को छिपने के लिए उपयुक्त स्थान होते हैं. इसे पोल्ट्री फार्म से हटाना बेहतर होगा. वहीं मुर्गियों को साफ और ताजा पानी उपलब्ध कराना चाहिए. चूंकि चूजे खुले में घूमते हैं. इसलिए परजीवी संक्रमण की संभावना रहती है. मुर्गियां बहुत ही संवेदनशील पक्षी होते हैं.

मुर्गिंयों में दो से तीन महीने के अंतराल में डिवार्मिंग की जरूरत होती है. खुली परिस्थितियों के तहत बड़े हुए वनराजा को रानीखेत रोग से लड़ने के लिए छह महीने के अंतराल पर टीका लगवाना जरूरी है. वनराजा के मादा पक्षी खुली परिस्थितियों के तहत हर साल 110 अंडे तक देते हैं. पूरक अनाज खिलाने पर अंडों की संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है. गर्मियों की शुरुआत से पहले टीका जरूर लगवाएं. गौरतलब है कि वनराजा नस्ल के नर कम मोटाई वाले फूड पर लगभग 10 से 12 सप्ताह की आयु में जरूरी शरीरिक वजन हासिल कर लेते हैं.

वनराज की नस्ल है अच्छी: अंडा देने वाली मुर्गी की बात की जाए तो जब 28 सप्ताह की आयु होती है तो 42 से 44 अंडे यह देती हैं और 40 सप्ताह की उम्र में 52 से 58 देती हैं. वनराज मुर्गियां पहला अंडा 175 से 180 दिन की उम्र में देती हैं. जबकि साल में 100 से 110 अंडा देने की क्षमता रखती हैं. वनराज नस्ल के मुर्गों की बात की जाए तो जब एक दिन के होते हैं तो 30 से 40 ग्राम इनका वजन होता है. 6 सप्ताह के हो जाने के बाद इस नस्ल के मुर्गे का वजन 700 से 850 ग्राम हो जाता है. वहीं पूरी तरह से परिपक्व हो जाने पर दो से ढाई किलो के बीच इनका वजन होता है.

मीट और अंडों से मिलता है अच्छा दाम: साधारण अंडों की बात की जाए तो इसका दाम 6 रुपये है तो वहीं देशी मुर्गियों के अंडों का दाम 12 से 15 रुपये होता है. ठंड में दाम और ज्यादा मिल सकता है. ऐसे में वनराज मुर्गियों को पाला जाए तो अच्छी कमाई की जा सकती है. वहीं देशी मुर्गे का मीट ब्रॉयलर के मुकाबले महंगा बिकता है. अगर ब्रॉयलर मुर्गे के मीट का रेट प्रति किलो 122 रुपये है तो देशी मुर्गे के मीट का औसतन दाम 150 रुपये से भी ज्यादा का हो सकता है. कई बार ये बाजार और क्षेत्रीय डिमांड पर भी निर्भर करता है.

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