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Poultry Feed: कैसे बनाएं एक अच्छा पोल्ट्री फीड, इन 10 प्वाइंट्स में समझिए पूरी प्रक्रिया और सावधानियां

बीमार मुर्गी का वजन कम हो जाता है और हर समय उदास रहती है.
चूजों की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पोल्ट्री कारोबार राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 70 हजार करोड़ रुपये का योगदान देता है. रिपोर्ट के मुताबिक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से करीब 4 मिलियन से ज्यादा लोग इस सेक्टर से जुड़े हैं और उन्हें रोजगार मिल रहा है. बताते चलें कि लगभग 2 से 2.5 मिलियन टन पोल्ट्री के अवशेष को हर साल बेशकीमती जैविक उर्वरक के रूप में बदल दिया जाता है. अगर कोई व्यक्ति अगर 1000 चिक्स के साथ इस कारोबार की शुरुआत करता है तो आपको लगभग 1200 वर्ग फुट के क्षेत्र की जरूरत होती. जबकि इसमें तकरीबन डेढ़ लाख से एक लाख 80 हजार रुपये का खर्च आएगा.

ये तो रही कारोबार शुरू करने की बात. अगर एक बार कारोबार शुरू कर दिया गया तो कई चीजों का ख्याल रखना जाता है. सबसे अहम पोल्ट्री फीड होती है. अगर पोल्ट्री फीड बनाते समय कुछ अहम सावधानियां नहीं की जाती हैं तो फिर इसका नुकसान उठाना होता है. आइए नीचे 10 प्वाइंट्स में जानते हैं कि पोल्ट्री फीड बनाते वक़्त क्या-क्या जरूरी सावधानियां बरतना जरूरी होता है.

  • पोल्ट्री फीड बनाते की सावधानियां
    हर दवा या पोल्ट्री सप्पलीमेंट के निर्माता की अलग अलग उत्पाद की अलग अलग डोज़ होती है. उनके द्वारा बताई गई डोज़ को सही प्रकार मानना चाहिए. उत्पाद की डोज निर्माताओं द्वारा बताई डोज़ को मानना जरूरी है. जो सही मात्रा जो फीड में मिलानी होती है वो अधिकतम और कम से कम दोनों बताते हैं.
  • पोल्ट्री फार्म पर प्री स्टार्टर फीड 400 ग्राम होने तक और स्टार्टर पोल्ट्री फीड 1200 ग्राम तक और फिनिशर पोल्ट्री फीड पक्षी के निकल जाने तक इस्तेमाल करना चाहिए.
  • पोल्ट्री फार्म पर हर तरह का स्टॉक एडवांस में होना बहुत जरूरी है.
  • हमेशा पोल्ट्री फीड और पोल्ट्री फीड में लगने वाले उत्पाद सूखी और धुप से दूर जगह पर रखना चाहिए.
  • कुछ एंटी बायोटिक अन्य एंटी कोक्सीडियल से मिलकर रिएक्शन करते हैं. जैसे सेलेनोमाईसिन, मोनेनसिन, नेरेसिन जैसे एंटीकोक्सिडियल्स टॉयमुलीन के साथ रिएक्शन करती है. इसमें टायमूलिन का उपयोग बहुत सावदानी से करना चाहिए.
  • पोल्ट्री फीड को मिलाने के लिए अच्छा मिक्सर की मदद लेनी चाहिए. कस्सियों से मिलाने पर सभी कुछ नहीं मिल पाता और अच्छे परिणाम नहीं मिलते हैं.
  • फाईटेज एंजाइम की मात्रा 1.5 गुना तक बढ़ाई जा सकती है. इससे भी अच्छे परिणाम मिलते हैं.
  • पोल्ट्री फीड की पिसाई अच्छे से होना भी जरूरी है. पोल्ट्री फीड के मोटे दाने बेहतर तरीके से नहीं पच पाते.
  • पोल्ट्री फीड सही से मिलाना चाहिए पोल्ट्री फीड में सभी उत्पाद और तेल पहले अलग से कुछ फीड में मिलाना जरूरी होता है. फिर सारे फीड में मिलाना चाहिए.
  • पोल्ट्री फीड बनाते वक़्त ये ध्यान रखें कि कोई भी सामान छूट ना जाए.
Written by
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